भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने स्वास्थ्य नीति में बड़ा बदलाव करते हुए अपने कर्मचारियों, उनके आश्रितों के लिए अहम फैसला किया है। इसके तहत रेलवे कर्मचारियों को 100 रुपये वाला एक कार्ड दिखाने पर सीधे एम्स (AIIMS) और पीजीआई (PGI) जैसे अस्पताल में फ्री में इलाज मिलेगा।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने स्वास्थ्य नीति में बड़ा बदलाव करते हुए अपने कर्मचारियों, उनके आश्रितों के लिए अहम फैसला किया है। इसके तहत रेलवे कर्मचारियों को 100 रुपये वाला एक कार्ड दिखाने पर सीधे एम्स (AIIMS) और पीजीआई (PGI) जैसे अस्पताल में फ्री में इलाज मिलेगा। कर्मचारियों के लिए एक यूएमआईडी कार्ड (UMID Card) जारी किया जाएगा। इस कार्ड का लाभ रेलवे पेंशनर्स को भी जारी होगा।
37 लाख लोगों के लिए जारी की सुविधा
नई पॉलिसी के तहत रेलवे की तरफ से कर्मचारियों, उनके आश्रितों और पेंशनर्स के लिए यूनिक मेडिकल आइडेंटिफिकेशन (UMID) कार्ड जारी किया जाएगा। इस कार्ड के जरिये रेलवे की तरफ से जारी लिस्ट के अनुसार अस्पतालों और सभी एम्स में फ्री इलाज कराया जा सकेगा। इसके लिए किसी तरह के रेफरल की भी जरूरत नहीं होगी।
रेलवे के पैनल में शामिल अस्पतालों और देश के सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। यह कार्ड 100 रुपये में बनेगा। यह नई व्यवस्था रेलवे से लगभग 12.5 लाख कर्मचारियों, 15 लाख से अधिक पेंशनर्स और करीब 10 लाख आश्रितों को लाभ होगा। रेलवे ने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में, कुछ अस्पतालों के लिए रेफरल जारी किया जाएगा, जो 30 दिनों की अवधि के लिए वैध होगा। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ट्रांसफॉर्मेशन प्रणव कुमार मलिक ने यूनिक मेडिकल आइडेंटिफिकेशन कार्ड जारी करने के आदेश दिया है।
नए सिस्टम से पूरी तरह रोक लगने की उम्मीद
इस बारे में रेलवे मिनिस्ट्री (Railway Ministry) और रेलवे बोर्ड (Railway Board) को सुझाव दिये गए थे। रेफरल को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स की तरफ से रेलवे के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं। शिकायतों में कहा गया था कि डॉक्टर अपने चहेते अस्पतालों के नाम पर रेफरल जारी करते थे। जिन अस्पतालों के लिए मरीज की मर्जी होती थी, उनके रेफरल में दिक्कत होती थी। नए सिस्टम इस पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है।
डिजीलॉकर में रखा जाएगा मेडिकल कार्ड
रेलवे कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) के जरिये उनकी रिक्वेस्ट के बाद कार्ड मिलेगा। इसे कर्मचारी और पेंशनर के डिजीलॉकर में रखा जाएगा। एचएमआईएस (HMIS) ऐप पर संबंधित कर्मचारी और पेंशनर की प्रोफाइल पर कार्ड मिलेगा। कार्ड के जरिये रेलवे के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल और सभी एम्स में इलाज कराया जा सकेगा। अब इसके लिए किसी भी प्रकार के रेफरल की जरूरत नहीं होगी।
कार्ड नहीं होने पर भी होगा इलाज
रेलवे की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि कर्मचारी, पेंशनर या उनके आश्रितों को यूएमआईडी (UMID) कार्ड जारी नहीं होने पर भी ट्रीटमेंट से मना नहीं किया जाएगा। संबंधित अस्पताल या हॉस्पिल से संपर्क करने पर उनकी जानकारी के आधार पर यूएमआईडी नंबर पहले ही बना दिया जाएगा. इससे वे बिना किसी रुकावट के सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यूनिक कार्ड में बाकी की जानकारी सत्यापित करने के बाद एचएमआईएस (HMIS) डेटाबेस में दर्ज की जाएगी। इसके अलावा 25 एम्स, पीजीआई चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी, निमहंस बेंगलुरु की ओपीडी व आईपीडी में फ्री इलाज की सुविधा मिलेगी।