देश का सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST Collections) अप्रैल में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह घरेलू लेन-देन और आयात में मजबूत वृद्धि के कारण पिछले साल की तुलना में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी संग्रह (GST Collections) 2 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक माइलस्टोन को पार कर गया है।
नई दिल्ली : देश का सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST Collections) अप्रैल में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह घरेलू लेन-देन और आयात में मजबूत वृद्धि के कारण पिछले साल की तुलना में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी संग्रह (GST Collections) 2 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक माइलस्टोन को पार कर गया है।
👉 #GST revenue collection for April 2024 highest ever at Rs 2.10 lakh crore
👉 #GST collections breach landmark milestone of ₹2 lakh crore
👉 Gross Revenue Records 12.4% y-o-y growth
👉 Net Revenue (after refunds) stood at ₹1.92 lakh crore; 17.1% y-o-y growth
पढ़ें :- GST Collection : सितंबर में जीएसटी संग्रह 6.5 फीसदी बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, आंकड़े जारी
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— Ministry of Finance (@FinMinIndia) May 1, 2024
मंत्रालय ने कहा कि सकल माल और सेवा कर (GST) संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह साल-दर-साल 12.4 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि का है, जो घरेलू लेनदेन में 13.4 प्रतिशत से अधिक की मजबूत वृद्धि और आयात 8.3 प्रतिशत बढ़ने के कारण हुआ है। पिछले साल जीएसटी कलेक्शन (GST Collections) 1.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था, जबकि अप्रैल, 2023 में यह 1.87 लाख करोड़ रुपये था।
‘रिफंड’ के बाद अप्रैल 2024 के लिए शुद्ध जीएसटी राजस्व (Net GST Revenue) 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 17.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल में केंद्रीय जीएसटी संग्रह (GST Collections) 43,846 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी (GST) 53,538 करोड़ रुपये रहा। एकीकृत जीएसटी (GST) 99,623 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 37,826 करोड़ रुपये शामिल हैं। वहीं, उपकर संग्रह 13,260 करोड़ रुपये रहा, जिसमें आयातित वस्तुओं पर संग्रहित 1,008 करोड़ रुपये शामिल हैं।