गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश में शनिवार को बड़ा दांव चलने जा रही है। इसके तहत यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की घोषणा करने जा रही है। इसको लेकर आज दोपहर गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ऐलान कर सकते हैं।
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश में शनिवार को बड़ा दांव चलने जा रही है।
इसके तहत यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की घोषणा करने जा रही है। इसको लेकर आज दोपहर गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ऐलान कर सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो गुजरात सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के लिए कमेटी बनाएगी। इस संबंध में शनिवार को कैबिनेट में प्रस्ताव आ सकता है। हाईकोर्ट के रिटायर जज यूसीासी पर बनी इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी आज दोपहर 3 बजे इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार एक कमेटी गठित कर सकती है, ये कमेटी समान नागरिक संहिता की संभावनाएं तलाशेगी। इसके लिए विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे।गुजरात के गृहमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी का गठन करने की योजना है। बताया जा रहा है कि आज कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड की तर्ज पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इससे पहले उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड की घोषणा की गई थी। इतना ही नहीं सरकार बनने के बाद इसे लागू भी किया गया था।
जानें क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
कानून की नजर में सब एक समान होते हैं। जाति से परे, धर्म से परे और इस बात से भी परे कि आप पुरुष हैं या महिला हैं, कानून सबके लिए एक ही है। शादी, तलाक, एडॉप्शन, उत्तराधिकार, विरासत, लेकिन सबसे बढ़कर लैंगिक समानता वो कारण है, जिस वजह से यूनिफार्म सिविल कोड की आवश्यकता महसूस की जाती रही है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम। इसका अर्थ है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो? समान नागरिक संहिता जिस राज्य में लागू की जाएगी वहां, शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।