चौथे सिख गुरु रामदास के प्रकाश पर्व के अवसर पर अमृतसर का स्वर्ण मंदिर खूबसूरत रोशनी में जगमगाता दिखा। बीते दिन 30 अक्टूबर को गुरु नगरी अमृतसर को बसाने वाले और सिक्खों के चौथे गुरु रामदास जी (Guru Ramdas Ji) का प्रकाश पर्व मनाया गया था।
Guru Ramdas Ji Prakash Parv : चौथे सिख गुरु रामदास के प्रकाश पर्व के अवसर पर अमृतसर का स्वर्ण मंदिर (Golden Temple of Amritsar) खूबसूरत रोशनी में जगमगाता दिखा। बीते दिन 30 अक्टूबर को गुरु नगरी अमृतसर को बसाने वाले और सिक्खों के चौथे गुरु रामदास जी (Guru Ramdas Ji) का प्रकाश पर्व मनाया गया था। प्रबल आस्था के इस मौके पर पवित्र स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) करीब 20 टन फूलों और जगमगाती लड़ियों से सजाया गया था और शाम के समय आसमान में आतिशबाजी देखने को मिली। लाखों श्रद्धालुओं ने मंदिर का रुख किया और स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने श्री दरबार साहिब में मत्था टेका और आस्था की पवित्र डुबकी लगाई।
सिक्खों के चौथे गुरु रामदास जी का जन्म 24 सिंतबर के दिन वाराणसी में हुआ था। उन्होंने सिक्ख समुदाय के लिए समृद्ध और सामर्थ्यपूर्ण संस्थानों की स्थापना की और धार्मिक व सामाजिक सुधारों में योगदान दिया। उन्होंने अमृत्सर में हरमिंदर साहिब, जोकि स्वर्ण मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, की नींव रखी थी और इसे सिक्ख समुदाय के सामाजिक और धार्मिक केन्द्र के रूप में स्थापित किया।
सिख धर्म में, गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व को विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व उनके जन्म दिवस को याद करता है और सिख समुदाय में आनंद और उत्साह का माहौल पैदा करता है। गुरु रामदास जी गुरु अर्जुन देव जी के पिता थे और गुरु अमरदास जी के पोते थे। उन्होंने सिख धर्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और धर्म की सेवा की।