सनातन धर्म में विवाहित स्त्रीयों को सदा सुहागन रहने वरदान दिया जाता है। सुहागिनें भी कठिन व्रत का पालन करके भगवान से अपने सुहाग की सलामती का वर मागती है।
Hartalika Teej 2022 : सनातन धर्म में विवाहित स्त्रीयों को सदा सुहागन रहने वरदान दिया जाता है। सुहागिनें भी कठिन व्रत का पालन करके भगवान से अपने सुहाग की सलामती का वर मागती है। हरतालिका तीज का व्रत भी इसी कड़ी में एक एक महत्व पूर्ण व्रत है।
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष मंगलवार 30 अगस्त को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज व्रत अविवाहित और विवाहित महिलाएं दोनों कर सकती हैं।
हरतालिका तीज के दिन सुबह 06 बजकर 05 मिनट से लेकर 8 बजकर 38 मिनट तक और शाम 06 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
हरतालिका तीज व्रत पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। रेत और काली मिट्टी से भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की हाथ से मूर्तियां बनाई जाती है। अगली सुबह आरती के बाद देवी पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और फिर अपना उपवास समाप्त करें।