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सामाजिक समरसता के बगैर हिंदू संगठन संभव नहीं, समाज से छुआछूत दूर होनी चाहिए : दिलीप कुमार

सामाजिक समरसता मंच लखनऊ विभाग व विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ में बाबा साहब डा.भीमराव रामजी आम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 'अस्पृश्यता उन्मूलन में बाबा डा.भीमराव आम्बेडकर का योगदान' विषय पर आमंत्रित वक्ताओं ने अपने विचार रखे।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। सामाजिक समरसता मंच लखनऊ विभाग व विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ में बाबा साहब डा.भीमराव रामजी आम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘अस्पृश्यता उन्मूलन में बाबा डा.भीमराव आम्बेडकर का योगदान’ विषय पर आमंत्रित वक्ताओं ने अपने विचार रखे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख मनोज , सामाजिक समरसता के क्षेत्र संयोजक दिलीप प्रो.एके सोनकर और राजकिशोर ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों ने डा.आम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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संगोष्ठी के मुख्य वक्ता सामाजिक समरसता विभाग पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संयोजक दिलीप कुमार ने कहा कि भेद भावना अधर्म है,इसलिए हिन्दू समाज से छुआछूत (अस्पृश्यता) दूर होनी चाहिए। कोई ऊंच नींच और छोटा बड़ा नहीं है। सब समान है। जन्म से विषमता हमारे किसी शास्त्र में नहीं लिखी है। हिन्दू समाज के किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव ठीक नहीं है। लेकिन आज भी समाज में जाति के आधार पर आर्थिक आधार पर भेदभाव हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के बगैर हिन्दू समाज में एकता संभव नहीं है। समता युक्त समाज निर्माण करना हमारा काम है। इसके लिए वंचित समाज के शैक्षिक व आर्थिक विकास के लिए काम करना होगा। वंचित समाज के बंधुओं को भी सम्मान के साथ सहभागिता भी चाहिए। क्योंकि हमारी कमियों का फायदा उठाकर दूसरे लोग हिन्दू समाज का बांटने का प्रयास क रहे हैं ।

बाबा साहब डा.भीमराव रामजी आम्बेडकर कहते थे कि अस्पृश्यता केवल अस्पृश्यों का ही प्रश्न नहीं है। यह सम्पूर्ण हिन्दू समाज का प्रश्न है। अस्पृश्यता के निर्मूलन के लिए धार्मिक,सामाजिक,राजनैतिक व आर्थिक इन सभी विषयों पर विचार करना होगा। बाबा साहब कहते थे कि व्यक्ति की आर्थिक तथा राजनीतिक स्थिति में सुधार होने पर उसे समाज में अपने आप मान्यता प्राप्त हो जाती है। इसलिए अनुसूचित समाज के बंधुओं को सभी प्रकार के अवसर व सुविधाएं मिलनी चाहिए।

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संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख मनोज ने कहा कि संघ सम्पूर्ण हिन्दू समाज के संगठन के लिए काम करता है। संघ में अस्पृश्यता नहीं है। संघ कार्यपद्धति और कार्यक्रमों की रचना भी इसी प्रकार की गयी है। उन्होंने कहा कि हम सभी हिन्दू भाई—भाई हैं। इसलिए छूआछूत और ऊंचनीच के भाव हटाकर सबको साथ लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

सामाजिक समरसता विभाग अवध प्रान्त के संयोजक राजकिशोर जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना में कहा कि  आज सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक समरसता निर्माण के लिए काम कर रहा है। संघ सामाजिक समरसता गतिविधि के माध्यम से यह काम करता है। समाज से विषमता को दूर करने क लिए समय—समय पर अनेक महापुरूषों ने सामाजिक समरसता के निर्माण के लिए काम किया है लेकिन जिस आज देशभर में इसके लिए सामूहिक प्रयास हो रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.अभिनव अरूण कुमार सोनकर ने की। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक समरसता विभाग प्रान्त कार्यकारिणी के सदस्य बृजनन्दन राजू ने की। हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रदीप कुमार मिश्र ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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