मामला नगर विकास विभाग से जुड़ा हुआ है, जो 2023-24 के लिए यूपी के बजट में विकास कार्यों के लिए आवंटित बजट का महज 0.7 फीसदी ही खर्च किया है। नगर विकास विभाग की इस लापरवाही पर विभाग के मंत्री एके शर्मा और नगर विकास के प्रमुख सचिव भी खमोश हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए लगातार दावे कर रहे हैं लेकिन कई ऐसे विभाग हैं जो बजट को खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। उनकी इस लापरवाही के कारण प्रदेश के विकास में रोड़े आ रहे हैं। मामला नगर विकास विभाग से जुड़ा हुआ है, जो 2023-24 के लिए यूपी के बजट में विकास कार्यों के लिए आवंटित बजट का महज एक प्रतिशत से भी कम खर्च किया है।
नगर विकास विभाग की इस लापरवाही पर विभाग के मंत्री एके शर्मा और नगर विकास के प्रमुख सचिव भी खमोश हैं। अगर विभाग इस तरह लापरवाही करता रहा तो वो अपने बजट को भी खर्च नहीं कर पायेगा। बता दें कि, बजट के आवंटित होने के पांच महीने बाद भी कुल प्रगति महज 17.2 फीसदी ही है। बताया जा रहा है कि विभागों की इस लापरवाही को देख यूपी सरकार ने फटकार भी लगाई है और विभागों को विकास कार्यों में खर्च में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं।
ग्राम्य विकास विभाग के काम में आई है तेजी
वित्त विभाग के आंकड़े की माने तो सबसे ज्यादा तेजी ग्राम्य विकास के काम में देखी गयी है। विकास मद में बजट खर्च करने में सबसे अच्छी रिपोर्ट इसी विभाग की है। ग्राम्य विकास विभाग ने 23.6 फीसदी बजट अगस्त तक खर्च कर दिए थे। इसके बाद ऊर्जा विभाग व खर्च की गति संतोषजनक मानी ज रही है यहां पर 18.6 फीसदी बज खर्च किया जा चुका है।
स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग विभाग सुस्त
प्रदेश के विकास के लिए आवंटित बजट को खर्च करने में स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग विभाग काफी सुस्त नजर आ रहे है। इनकी सुस्ती के चलते प्रदेश का विकास भी सुस्त हो गया है। एक अखबार की रिपोर्ट की माने तो, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कुल 6.1%, उद्योग (भारी एवं मध्यम) ने 6.0%, कृषि विभाग ने कुल 7.7%, गृह (पुलिस) विभाग ने 10.6%, लोक निर्माण (सड़क) ने 10.7%, पंचायती राज विभाग ने 11.6%, आवास विभाग ने 12.3% तथा चिकित्सा शिक्षा ने कुल 12.8% बजट 31 अगस्त तक खर्च किया था।