प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कई जिलों के जिलाधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, जब दूसरों की आकांक्षाएं, अपनी आकांक्षाएं बन जाएं, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं। आज आकांक्षी जिले देश को आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज कई जिलों के जिलाधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, जब दूसरों की आकांक्षाएं, अपनी आकांक्षाएं बन जाएं, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं। आज आकांक्षी जिले देश को आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, आकंक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है। एक तरह से गवर्नेंस का ‘top to bottom’ और ‘bottom to top’ फ़्लो और इस अभियान का महत्वपूर्ण पहलू है टेक्नोलॉजी और इनोवेशन। पीएम मोदी ने कहा कि, एक तरफ बजट बढ़ता जा रहा है, योजनाएं बनती रहीं, आंकड़ों में आर्थिक विकास भी होता रहा, लेकिन फिर भी आजादी के 75 साल बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए।
समय के साथ इन जिलों के साथ पिछड़े जिलों का टैग लगा दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि, पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है। बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि, डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक silent revolution का साक्षी बन रहा है।
हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए। डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है। पीएम ने कहा कि, सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है।जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम Aspirational Districts में करते हैं।