हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट में सेबी चीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बीच अब एक बार फिर शेयर बाजार में भूचाल आने की आशंका है। अब बाजार गिरे या ना गिरे वो अलग बात है। लेकिन कल अडानी ग्रुप के शेयरों पर अच्छा खासा असर देखने को मिल सकता है। इसको लेकर अब निवेशक चिंतित हैं।
नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट में सेबी चीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बीच अब एक बार फिर शेयर बाजार में भूचाल आने की आशंका है। अब बाजार गिरे या ना गिरे वो अलग बात है। लेकिन कल अडानी ग्रुप के शेयरों पर अच्छा खासा असर देखने को मिल सकता है। इसको लेकर अब निवेशक चिंतित हैं।
इससे पहले भी पिछली सार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद निवेशकों को बड़ा झटका लगा था। निवेशकों के करोड़ रुपये डूब गए थे। इस गिरावट का असर ओवरऑल बाजार पर भी देखने को मिला था। अगर ऐसी स्थिति बनती है तो ये जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या हर बार इस तरह से ही निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई लुटाते रहेंगे।
वहीं, राहुल गांधी ने भी इसको लेकर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि, देश भर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए महत्वपूर्ण सवाल हैं-सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अदाणी? सामने आए नए और बेहद गंभीर आरोपों के मद्देनजर क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले की फिर से स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा?