केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों पर कोरोना महामारी कहर बनकर टूट रही है। इस बल में सीआरपीएफ सीआईएसएफ बीएसएफ आईटीबीपी एनडीआरएफ शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार एक दिन के भीतर जवानों के बीच कोविड संक्रमण के 300 ज्यादा मामले सामने आए हैं।
गाजियाबाद। केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों पर कोरोना महामारी कहर बनकर टूट रही है। इस बल में सीआरपीएफ, सीआईएसएफ ,बीएसएफ, आईटीबीपी ,एनडीआरएफ शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार एक दिन के भीतर जवानों के बीच कोविड संक्रमण के 300 ज्यादा मामले सामने आए हैं।
अगस्त के बाद पहली बार यह आंकड़ा 300 के पार पहुंचा है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के यह जवान देश भर में तैनात हैं, सबसे ज्यादा इनकी मौजूदगी वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल में हैं, जहां पर चुनाव हो रहा है। 15 अप्रैल के यह आंकड़े यह बताते हैं की मौजूदा समय में कुल संक्रमित अर्धसैनिक बलों के जवानों की तादाद 2915 है। इनमें से सबसे ज्यादा 1850 जवान बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के हैं, जिसके बाद 477 सीआईएसफ और 343 सीआरपीएफ के जवान हैं।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक 212 जवानों की जान जा चुकी है। पिछले साल फरवरी के महीने से ही आइटीबीपी सीआरपीएफ बीएसएफ व अन्य अर्ध सैनिक बलों ने कोरोना की रोकथाम के लिए आइसोलेशन सेंटर और ट्रीटमेंट सेंटर बनाए थे। पहले इनमें पहले तो सिर्फ जवानों का इलाज होता था, लेकिन बाद में इनको आम जनता के लिए भी खोल दिया गया था।
पहले जैसे की गई थी प्रक्रिया
कोरोना के मामले कम होने के बाद वापस पहले जैसी प्रक्रिया लागू कर दी गई थीं यानी सिर्फ जवानों का उपचार जिस तरीके से मामले कोरोना के बढ़ रहे हैं, उसके बाद एक बार फिर इन व्यवस्था को आम जनता के लिए खोलने पर विचार किया जा रहा है। जहां तक वैक्सिसीनेशन प्रक्रिया के सवाल है तो जनवरी के महीने से ही यह केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के बीच शुरू हो गई थी, जिसके बाद 90 फ़ीसदी जवानों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। जबकि 60 फीसदी जवानों को दूसरी डोज भी दी जा चुकी है।