संगोष्ठी की मुख्य प्रवक्त प्रो0 मंजू अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में बताया कि चिकित्सा कर्मियों को भी अपने मानसिक स्वास्थ्य का सदैव ध्यान रखना चाहिए और इसके लिए योग मेडिटेशन, स्ट्रेसमैनेजमेंट पर जोर दिया।
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मानसिक एवं मेडिसिन विभाग के संयुक्त प्रयास से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन संस्थान की निदेशक प्रो सोनियानित्यानंद के मार्गदर्शन में किया गया। संगोष्ठी में संस्थान के संकाय सदस्यों, मेडिकल पैरामेडिकल छात्रों ने प्रतिभाग किया।
संगोष्ठी की मुख्य प्रवक्त प्रो0 मंजू अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में बताया कि चिकित्सा कर्मियों को भी अपने मानसिक स्वास्थ्य का सदैव ध्यान रखना चाहिए और इसके लिए योग मेडिटेशन, स्ट्रेसमैनेजमेंट पर जोर दिया। संगोष्ठी के अध्यक्ष एवं मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो0 विक्रम सिंह ने बताया की मेडिसिन एवं अन्य विभागों की ओपीडी में मानसिक रोगों की संख्या बढी है परंतु जागरूकता ना होने के कारण वह मानसिक विभाग ओपीडी में नहीं जा पात।
डा0 अब्दुल कादिर जिलानी, सह-आचार्य, मानसिक विभाग, ने इस विषय पर जोर दिया कि मानसिक रोग भी शारीरिक रोग की तरह ही होता है और दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं। अतः स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए हर एक व्यक्ति को अपने मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर बराबर ध्यान देना चाहिए।
डा0 आकांक्षा शर्मा, सहायक आचार्य, मानसिक विभाग ने बताया कि मानसिक रोगियों का अधिकार उतना ही है जितना किसी अन्य व्यक्ति का होता है, अतः मानसिक रोगियों से भेदभाव करना उचित नहीं है। संगोष्ठी में संस्थान के सी0एम0एस प्रो0 ए0के0 सिंह एवं डीन प्रो0 प्रद्युमन सिंह ने मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता पर विशेष ज़ोर दिया।
संगोष्ठी के कमिटी सदस्य के रूप में डॉ0 सुधि कुलश्रेष्ठ, डॉ0 सदफ अजी़ज एवं डॉ0 अंकित बेरी ने विशेष योगदान दिया और उनके द्वारा इस अवसर पर मानसिक रोग से संबंधित विभिन्न विषयों पर पोस्टर, निबन्ध एवं स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित कराई गयी, जिसमें 215 मेडिकल छात्रों ने प्रतिभाग किया।