उनकी इस पारी का क्रेडिट पूर्व महान खिलाड़ी सुनील ग्वास्कर ने कुणाल को दिया है। उन्होंने कहा की क्रुणाल पांड्या को बैटिंग करते हुए देखना लाजवाब था। ये नहीं भूलो कि वो वनडे में अपना डेब्यू कर रहा था। इसलिए किसी भी बल्लेबाज के लिए आजादी के साथ खेलना मुश्किल होता है, जैसा उसने कर के दिखाया। वो आने के साथ ही सीधे खेल रहा था। इस समय केएल राहुल को बॉल को उस तरह से हिट नहीं कर रहे थे।
नई दिल्ली। कल खेले गये भारत और इंग्लैंड के बीच पहले वन डे मैच में भारत ने इंग्लैंड को 66 रनों से हरा दिया। पुणे के क्रिकेट स्टेडियम में खेले गये पहले वन डे मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीत कर के पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। भारत की टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 317 रनों का स्कोर बनाया। जिसका पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम 251 रन बना कर आल आउट हो गयी। और भारत ने ये मैच 66 रनों के अंतर से जीत लिया।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत की टीम को रोहित और शिखर धवन ने सधी हुई शुरुआत दिलाई। लेकिन रोहित 28 रन बनाकर आउट हो गये। रोहित के आउट होने के बाद क्रिज पर बल्लेबाजी करने आये कप्तान विराट कोहली ने शिखर के साथ मिलकर पारी को संभाल लिया। दोनो टीम को आगे ले ही जा रहे थे की विराट 56 रनों की पारी खेलकर आउट हो गये। भारत ने थोड़े ही समय के अंतराल में श्रेयस अय्यर, शिखर धवन समेत हार्दिक पांड्या का विकेट भी गवां दिया।
शिखर शानदार पारी खेल के 98 रन बना कर के आउट हुए। भारतीय टीम ने 200 के स्कोर तक पहुंचते पहुंचते अपने 5 विकेट गवां दिये। ऐसे में बड़े स्कोर की तरफ ले जाने की जिम्मेदारी केएल राहुल और अपना पहला मैच खेल रहे कुणाल पांड्या पर आ गई। कुणाल तेज पारी खेलते हुए मात्र 31 गेंदो पर 58 रन बनाकर के नाबाद रहे। उन्होंने किसी भी खिलाड़ी द्वारा पहले ही मैच में सबसे तेज 50 रन बनाने का रिकार्ड भी अपने नाम कर लिया।
इस दौरान उनका साथ निभाया टी20 सीरीज में बुरी तरह फ्लाफ रहे लोकेश राहुल ने। राहुल ने भी शानदार खेल दिखाते हुए 43 गेंदो पर 62 रनों की पारी खेली। इस मैच से पहले राहुल के खेलने पर भी शक था। लेकिन विकेटकीपर के तौर पर पंत की जगह उनको मौका दिया गया। जिसको वो भूनाने में सफल भी रहे। उनकी इस पारी का क्रेडिट पूर्व महान खिलाड़ी सुनील ग्वास्कर ने कुणाल को दिया है।
उन्होंने कहा की क्रुणाल पांड्या को बैटिंग करते हुए देखना लाजवाब था। ये नहीं भूलो कि वो वनडे में अपना डेब्यू कर रहा था। इसलिए किसी भी बल्लेबाज के लिए आजादी के साथ खेलना मुश्किल होता है, जैसा उसने कर के दिखाया। वो आने के साथ ही सीधे खेल रहा था। इस समय केएल राहुल को बॉल को उस तरह से हिट नहीं कर रहे थे। क्रुणाल ने बीड़ा उठाया और केएल राहुल के लिए इसे आसान कर दिया। टीम की भावना ये ही होती है कि अपने टीम के साथी का दबाव कम करना। इसी वजह से उसकी बल्लेबाजी इतनी प्रभावशाली थी।