देश में कोरोना वैक्सीन की किल्लत से निजात पाने के लिए कई राज्यों ने अपने-अपने ग्लोबल टेंडर भी निकाले हैं। इस बीच खबर है कि अमेरिका की फार्मा कपंनी फाइजर की वैक्सीन भी भारत को जल्द मिलने वाली है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन की किल्लत से निजात पाने के लिए कई राज्यों ने अपने-अपने ग्लोबल टेंडर भी निकाले हैं। इस बीच खबर है कि अमेरिका की फार्मा कपंनी फाइजर की वैक्सीन भी भारत को जल्द मिलने वाली है। इस डील को लेकर मोदी सरकार से कंपनी की बातचीत चल रही है। उम्मीद की जा रही है कि साल की तीसरी तिमाही में भारत को फाइज़र वैक्सीन की 5 करोड़ डोज़ मिल जाएगी।
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सरकार के बड़े अधिकारियों की फाइज़र से कई दौर की बातचीत हो चुकी है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है। इस साल जनवरी में फाइजर की सरकार से इसलिए बातचीत अटक गई थी कि क्योंकि कंपनी वैक्सीन से होने वाले साइडइफेक्ट के लिए हर्जाना देने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी दोनों पक्षों में कुछ सहमति बनी है।
भारत ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ किया संपर्क, कई कंपनियों से चल रही है बातचीत
पिछले दिनों भारत की कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल ने कहा था भारत ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ संपर्क किया है । अगस्त-दिसंबर के बीच वैक्सीन उपलब्धता को लेकर जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत के लिए 216 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगे। हम जैसे आगे बढ़ेंगे सभी के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘औपचारिक’ रूप से फाइजर, मॉडर्ना और जे एंड जे से संपर्क साधा है। साथ ही भारत ने इनकी अलग-अलग तरीकों से सहयोग करने की भी बात कही है।
बेहद असरदार है वैक्सीन
बता दें कि इस वक्त दुनियाभर में फाइजर की वैक्सीन की चर्चा है। कहा जा रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए ये वैक्सीन सबसे ज्यादा प्रभावी है। बुधवार को यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने कहा था कि mRNA तकनीक पर आधारित ये वैक्सीन महाराष्ट्र में कोरोना के नए वैरिएंट पर प्रभावी है। डब्लयूएचओ ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत में मिला B1617 SARS-CoV-2 वेरिएंट चिंता बढ़ा रहा है। डब्लयूएचओ का मानना है कि इस वेरिएंट से संक्रमण तेजी से फैलता है।