संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में इस बार कुछ अलग देखने को मिला है, क्योंकि दुर्लभ घटना में भारत (India) ने रूस (Russia) की इस मांग के खिलाफ वोट किया है। बता दें कि भारत (India) ने यूक्रेन (Ukraine) के चार क्षेत्रों पर रूस (Russia) के ‘अवैध’ कब्जे की निंदा करने संबंधी मसौदे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में गुप्त मतदान कराने की रूस की मांग के खिलाफ मतदान किया है।
वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में इस बार कुछ अलग देखने को मिला है, क्योंकि दुर्लभ घटना में भारत (India) ने रूस (Russia) की इस मांग के खिलाफ वोट किया है। बता दें कि भारत (India) ने यूक्रेन (Ukraine) के चार क्षेत्रों पर रूस (Russia) के ‘अवैध’ कब्जे की निंदा करने संबंधी मसौदे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में गुप्त मतदान कराने की रूस की मांग के खिलाफ मतदान किया है।
रूस (Russia) के प्रस्ताव पर जनरल असेंबली (General Assembly)की वोटिंग में भारत सहित 107 देशों ने गुप्त मतदान न कराये जाने के पक्ष में वोट दिया, जिससे गुप्त मतपत्र की सभी संभावनाओं पर अंकुश लग गया है। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स (News Agency Reuters) की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव पर मतदान बुधवार या गुरुवार को होने की संभावना है।
सीक्रेट बैलट के पक्ष में केवल 13 देशों ने सोमवार को अपना मत दिया, वहीं 39 देशों ने ऑब्स्टेन करते हुए किसी भी पक्ष में अपना मत देने से मन कर दिया है। रूस (Russia) और चीन (China) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। सीक्रेट बैलट कराने के लिए रूस ने तर्क दिया था कि पश्चिमी लॉबिंग के चलते कई देश सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति को स्पष्ट नहीं कर पाते हैं।
सोमवार को बैठक के दौरान रूस के संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने मास्को की निंदा करने के दबाव पर सवाल भी उठाया। नेबेंजिया ने पूछा कि इस प्रस्ताव का शांति और सुरक्षा से क्या लेना-देना है या संघर्षों को निपटाने की यह प्रस्ताव कैसे कोशिश कर रहा है? नेबेंजिया ने इसे विभाजन और संघर्ष में वृद्धि की दिशा में एक और कदम बता दिया।
बता दें कि मॉस्को यूक्रेन (Ukraine) में आंशिक रूप से कब्जे वाले चार क्षेत्रों – डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज़्ज़िया को पहले ही रूस (Russia) का हिस्सा बना चुका है जिसे यूक्रेन सहित पश्चिमी देशों ने अवैध और जबरदस्ती करार दिया है। UN में मतदान के लिए आ रहे इस प्रस्ताव में राज्यों से रूस के कदम को मान्यता नहीं देने का आह्वान और यूक्रेन (Ukraine) की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाये रखने की अपील की गई है।