आज भारत की टीम श्रीलंका के खिलाफ तीसरा वनडे मैच खेलने उतरेगी। तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले दो मैच जीत कर सीरीज में अजेय बढ़त बना चुकि भारतीय टीम के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं। पहली चुनौती है श्रीलंका को तीसरे वनडे मैच में हराकर 3—0 से सुफड़ा साफ करने की। दूसरा इस प्रकार धमाकेदार जीत दर्ज करने की कि हर उन बहरों को सुनाई दे ये धमाका जिन्होंने इस टीम को दूसरे दर्जे की टीम कहा था।
नई दिल्ली। आज भारत की टीम(Indian team) श्रीलंका के खिलाफ तीसरा वनडे मैच खेलने उतरेगी। तीन वनडे मैचों की सीरीज(Three one day match series) के पहले दो मैच जीत कर सीरीज में अजेय बढ़त बना चुकि भारतीय टीम के सामने अभी भी कई चुनौतियां(Chalenge)हैं। पहली चुनौती है श्रीलंका को तीसरे वनडे मैच में हराकर 3—0 से सूफड़ा साफ करने की। दूसरा इस प्रकार धमाकेदार जीत दर्ज करने की कि हर उन बहरों को सुनाई दे ये धमाका जिन्होंने इस टीम को दूसरे दर्जे की टीम कहा था। आपको बता दें कि जब शिखर धवन की कप्तानी वाली ये टीम श्रीलंका खेलने आई थी तो श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान अर्जुन राणातुंगा(Arjun Ranatunga) को इस टीम के साथ खेलने को लेकर शर्म महसूस हुई थी।
और उन्होंने जल्दबाजी में इस टीम को दूसरे दर्जे की टीम कह दिया था। इस सीरीज के परिणाम आने के बाद राणातुंगा क्या बयान देते हैं ये देखना और सुनना रोचक होगा। आप सब ये तो अब तक जान चुके होंगे की पूरे अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के स्तर पर ऐसा पहली बार को हो रहा है की एक देश की दो टीमें एक ही समय पर दो अलग—अलग देशों(Different Country) के साथ सीरीज खेल रही हैं। भारत की नियमित टीम रेगुलर कप्तान विराट कोहली (Regular caiptan Virat kohli) के नेतृत्व में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड में रुकी हुई है। विराट कोहली की ये टीम जब से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप( world test chaimpionship) का फाइनल (final) खेलने इंग्लैंड गई है तब से वह वहीं रुकी हुई है।
इस टीम के साथ मुख्य कोच (Head coach) रवि शास्त्री भी इस दौरे पर मौजूद हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय टीम को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। पहली बार हुई इस चैंपियनशिप की विजेता न्यूजीलैंड की टीम रही। जिसने अपने कप्तान केन विलियम्सन (Ken wiliyamsan) की कप्तानी में भारत को धूल चटाई और इतिहास (History) के पन्नों पर अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों (Golden wOrds) में ही नहीं हीरे जड़े अक्षरों में दर्ज कराया। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच व इंग्लैंड के साथ होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज जो अभी शुरु भी नहीं हुई है।
इन दोनो आयोजनों के अंतराल के दौरान भारत की एक टीम श्रीलंका में तीन वनडे मैच व तीन टी20 मैचों की सीरीज खेलने श्रीलंका पहुंची। इस टीम की कमान भारत के ओपनर बल्लेबाज और गब्बर नाम से जाने जाने वाले शिखर धवन को सौंपी गई। टीम के उपकप्तान तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार बनाये गये। इस टीम के दशा और दिशा को तय करने की जिम्मेदारी( Responsbility) या यूं कहें मुख्य कोच की जिम्मेदारी भारत के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को सौंपी गई। युवाओं से सजी इस टीम ने अब तक खेले गये मैचों से ये बता भी दिया है की इन्हें दूसरे दर्जे की टीम कहना तो दूर सोचना भी बेईमानी है।
पहले वनडे मैच को भारत ने ईशान किशन,पृथ्वी शॉ और कप्तान शिखर धवन की शानदार पारी की बदौलत जीता। श्रीलंका से मिले लक्ष्य को इन्होंने बौना साबित कर दिया। दूसरे वनडे मैच में टीम ने श्रीलंका से मिले 276 रनों के लक्ष्य को ऐसे खिलाड़ी की बदौलत हासिल किया जिससे ऐसे पारी की उम्मीद किसी को भी नहीं थी। भारत के बल्लेबाज इस मैच में थोड़ा लड़खड़ा गये इस दौरान टीम की जिम्मेदारी संभाली तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने। उन्होंने 69 रनों की पारी खेल टीम को मंजिल तक पहुंचाने का काम किया। ऐसे प्रतिभाशाली(Brilliant) युवाओं से सजी भारतीय टीम ने ये दिखा दिया कि हमें दूसरे दर्जे की टीम समझने की भूल कतई ना की जाये।