नौ दिन की पूजा के बाद इसे हटाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे है कि कलश को स्थापित सामग्रियों का क्या करना चाहिए। कलश पर चढ़े नारियल पर मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद होता है। नौ दिनों के नवरात्र के बाद कलश के अलग अलग सामग्रियों को कैसे इस्तेमाल करना चाहिए या हटाना चाहिए।
15 अक्टूबर से शुरु हुई नवरात्रि आज 23 अक्टूबर को समापन हो गया। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा अर्चना की जाती है। इस दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करवे के साथ ही उनके सामने कलश, नारियल और चावल, जौ आदि स्थापित किया जाता है। नौ दिन की पूजा के बाद इसे हटाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे है कि कलश को स्थापित सामग्रियों का क्या करना चाहिए। कलश पर चढ़े नारियल पर मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद होता है। नौ दिनों के नवरात्र के बाद कलश के अलग अलग सामग्रियों को कैसे इस्तेमाल करना चाहिए या हटाना चाहिए।
Image Source Google
नवरात्रि में कलश पर स्थापित नारियल पर मां दुर्गा की विशेष कृपा होती है।इसलिए इस नारियल को नवरात्रि के आखिरी दिन के बाद हटाकर लाल कपड़े में लपेट कर इसे मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के पास रख दें। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती है।
Image Source Google
कलश पर चढ़ें नारियल को नवरात्रि के समाप्ति के बाद विधि विधान से हटाएं। जिसके बाद नारियल को चाहे तो छोटी कन्याओं में प्रसाद के रुप में वितरित भी कर सकतें है।
नवरात्रि के समापन के बाद कलश पर चढ़े नारियल को विधि विधान से पूजा करने के बाद बहते जल या नदी में प्रवाहित भी कर सकते हैं। नवरात्रि के दौरान कलश में चढ़े जल और चावल को पूजा के समापन के बाद उसे जरूर से बहते जल या फिर नदी में प्रवाहित करें।