HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. Israel-Hamas War: रियाद में जुटेंगे दुनिया के 57 इस्लामी देश, इजरायल के खिलाफ बनेगा प्लान!

Israel-Hamas War: रियाद में जुटेंगे दुनिया के 57 इस्लामी देश, इजरायल के खिलाफ बनेगा प्लान!

Israel-Hamas War: इजरायल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच छिड़ी जंग में दुनिया बंटी हुई नजर आ रही है, जहां अमेरिका और भारत जैसे कई देश इजरायल (Israel) के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं, रूस, चीन और लगभग सभी इस्लामिक देश हमास और गाजा के समर्थन में खड़े हैं। वहीं, अब इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब (Saudi Arabia) के निमंत्रण पर 12 नवंबर को रियाद (Riyadh) में 57 इस्लामी देशों का एक असाधारण शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है। 

By Abhimanyu 
Updated Date

Israel-Hamas War: इजरायल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच छिड़ी जंग में दुनिया बंटी हुई नजर आ रही है, जहां अमेरिका और भारत जैसे कई देश इजरायल (Israel) के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं, रूस, चीन और लगभग सभी इस्लामिक देश हमास और गाजा के समर्थन में खड़े हैं। वहीं, अब इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब (Saudi Arabia) के निमंत्रण पर 12 नवंबर को रियाद (Riyadh) में 57 इस्लामी देशों का एक असाधारण शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है।

पढ़ें :- सीरिया में तख्तापलट का इजरायल उठा रहा फायदा; नेतन्याहू ने नक्शा बदलने के लिए बढ़ाया कदम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रियाद (Riyadh) में शनिवार को अरब-अफ्रीकी शिखर सम्मेलन (Arab-African Summit) और एक आपातकालीन अरब लीग शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है, जिसमें गाजा में संघर्ष के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सभी सदस्यों को निमंत्रण दे दिए गए हैं। फिलिस्तीन (Palestine) में मौजूदा हालात की गंभीरता को देखते हुए अधिकांश मुस्लिम देशों के नेताओं के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यह सम्मेलन सभी मुस्लिम देशों के लिए इजरायली आक्रामकता पर एकजुट रुख अपनाने का एक बड़ा मौका साबित हो सकता है।

संगठन के सदस्य देश इजरायल से गाजा पर अपने हमले तुरंत बंद करने, घेराबंदी हटाने, सहायता वितरण की अनुमति देने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (International Humanitarian Law) का सम्मान करने की सामूहिक तौर पर दबाव डालने की कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा संगठन इस बात पर भी जोर दिया जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों के आधार पर संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...