दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के कुलगाम जिले (Kulgam District) में सुरक्षाबलों (Security Forces) और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुक्रवार दूसरे दिन भी जारी है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थल पर तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।
कुलगाम। दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के कुलगाम जिले (Kulgam District) में सुरक्षाबलों (Security Forces) और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुक्रवार दूसरे दिन भी जारी है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थल पर चार आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इलाके में सुरक्षाबलों (Security Forces) का ऑपरेशन अभी चल रहा है। हालांकि पुलिस की तरफ से अभी बयान जारी नहीं किया गया है।
कुलगाम जिले (Kulgam District) के समनू गांव में गुरुवार दोपहर आतंकवादियों और सुरक्षाबलों (Security Forces) के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। पुलिस, सेना की 34 आरआर और सीआरपीएफ (CRPF) की एक संयुक्त टीम ने एक विशेष जानकारी पर कुलगाम के समनू गांव में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इससे मुठभेड़ शुरू हो गई है। देर रात गोलीबारी रुक गई। शुक्रवार को दूसरे दिन सुबह फिर गोलीबारी शुरू हुई। बताया जा रहे है कि चार आतंकी ढेर कर दिए गए हैं।
उड़ी सेक्टर में मारा गया लश्कर का पाकिस्तानी लांचिंग कमांडर बशीर
उत्तरी कश्मीर (North Kashmir) के बारामुला जिले (Baramulla District) के उड़ी सेक्टर (Uri Sector) में मुठभेड़ में बुधवार को मारे गए दो पाकिस्तानी दहशतगर्दों में लश्कर-ए-ताइबा (Lashkar-e-Taiba) का लांचिंग कमांडर बशीर भी शामिल था। वह जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभा रहा था। उत्तर में लीपा घाटी से लेकर दक्षिण में राजोरी के साथ लगते पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकियों को तैयार कर लगातार घुसपैठ करा था। बशीर ने घुसपैठ की कई कोशिशों को अंजाम देकर जम्मू-कश्मीर में भारी नुकसान पहुंचाया है। सेना के अनुसार, उसका मारा जाना नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका है।
सेना की आठ राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल राघव कृष्णन ने वीरवार को मीडिया को ऑपरेशन काली के बारे में बताया कि 15 नवंबर को उड़ी सेक्टर (Uri Sector) में एलओसी (LOC) के पास सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) ने ऑपरेशन काली शुरू किया। इसमें आतंकी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो दहशतगर्दों को ढेर किया गया।
उड़ी सेक्टर (Uri Sector) में नियंत्रण रेखा के उस पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की सूचना के बाद इलाके में जगह-जगह एंबुश लगाए गए थे, जहां से घुसपैठ की आशंका थी। कर्नल राघव ने बताया कि खराब मौसम और कम दृश्यता का फायदा उठाते हुए बुधवार सुबह करीब 8:30 बजे आतंकियों की संदिग्ध गतिविधियों को देखा गया। सुरक्षा बलों (Security Forces) के ललकारने पर आतंकियों ने फायरिंग कर भगाने की कोशिश की।
जवाबी कार्रवाई में 08:50 बजे एक आतंकी को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान इलाके में छिपे दूसरे दहशतगर्द को भी सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। दूसरे आतंकी की अभी शिनाख्त नहीं हुई है।
सैन्य अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में नियंत्रण रेखा के उस पार भी आतंकियों को नुकसान पहुंचने की संभावना है। मारे गए दोनों दहशतगर्दों से दो एके-47 राइफल, दो पिस्तौल, चार चीनी हथगोले, गोला-बारूद के साथ दवाइयां, खाने-पीने का सामान, 2630 रुपये पाकिस्तानी करंसी और पहचान पत्र शामिल हैं।
एलओसी पर मजबूत सुरक्षा ग्रिड के साथ जवान सतर्क
कर्नल राघव ने कहा कि उड़ी सेक्टर (Uri Sector) में एक ही क्षेत्र के माध्यम से बार-बार घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान इस पार आतंकी भेजकर जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की नापाक कोशिशें कर रहा है, लेकिन हमारे सुरक्षाबल (Security Forces) लगातार नियंत्रण रेखा पर मजबूत सुरक्षा ग्रिड के साथ कड़ी सतर्कता बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना घुसपैठ की हर कोशिश को नाकाम कर पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही है।