1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. Jan Aushadhi divas: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिया किया सम्बोधन, कहा- युवाओं को मिला आय के साधन

Jan Aushadhi divas: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिया किया सम्बोधन, कहा- युवाओं को मिला आय के साधन

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: जन औषधि दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिया साथ ही साथ जन औषधि के लाभार्थियों से सीधे जुड़े। आपको बता दें, मोदी सरकार लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है।

पढ़ें :- कांग्रेस CEC की बैठक में राहुल-प्रियंका की उम्मीदवारी पर फैसला कल!

जन औषधि दिवस पर PM मोदी ने कहा, ‘जन औषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और कुछ लाभार्थियों से आज मुझे बात करने का अवसर मिला।  ये योजना गरीब और विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ी साथी बन रही है। गरीबों तक सस्ती दवा पहुंच रही है।’

सम्बोधन में कही ये बातें

जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन भी मिल रहे हैं। हमारी बहनों और बेटियों को सिर्फ ढाई रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं तो इससे उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर होता है। जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं। अब तक 11 करोड़ से ज्यादा सैनिटरी नैपकिन इन केंद्रों पर बिक चुके हैं।

उन्होने ये भी कहा कि, 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं। यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है। इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है। आज 7,500वें केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलांग में हुआ है। नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।

7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं।  इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है। आज मेड इन इंडिया दवाइयां और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी हैं। मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।

पढ़ें :- Lok Sabha Elections 2024 : डिंपल की बहन पूनम चुनाव प्रचार का संभाला मोर्चा, कहा- ऐसी सरकार हो जो युवाओं के लिए करे काम

आज मोटे अनाजों को ना सिर्फ प्रोत्साहित किया जा रहा है, बल्कि अब भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को International Year of Millets भी घोषित किया है। Millets पर फोकस से देश को पौष्टिक अन्न भी मिलेगा और हमारे किसानों की आय भी बढ़ेगी।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...