Delhi High Court's Decision : कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सीएम पद से हटाने की मांग भाजपा के नेता लगातार करते आए हैं। वहीं, इस मामले में तीसरी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में बुधवार को सुनवायी हुई। इस दौरान कोर्ट ने याचिका को खारिज करते सख्त टिप्पणी की है और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना भी लगाया है।
Delhi High Court’s Decision : कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सीएम पद से हटाने की मांग भाजपा के नेता लगातार करते आए हैं। वहीं, इस मामले में तीसरी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में बुधवार को सुनवायी हुई। इस दौरान कोर्ट ने याचिका को खारिज करते सख्त टिप्पणी की है और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना भी लगाया है।
इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने याची के अधिवक्ता से पूछा कि क्या किसी मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट ने किसी सरकार को हटाने का आदेश पारित किया है। अधिवक्ता ने एक फैसले को पढ़ा और कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को उसके पद से हटाया था। जिस कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह दोषी करार देने का निर्णय है और इसके कारण वह अयोग्य हो गए थे। कोर्ट ने कहा कि आप जैसे लोगों की वजह से कानूनी प्रक्रिया का मजाक बनता है। ऐसे लोगों द्वारा एक ही तरह के मुद्दे के साथ बार बार याचिकाएं दायर करने की वजह से न्यायिक प्रणाली आज उपहास बन कर रह गई है।
कोर्ट ने कहा कि हमें राजनीतिक खेल का हिस्सा न बनाएं। आपके क्लाइंट को राजनीति करनी है तो बाहर करे। अदालत में नहीं। आपके पास केवल एक ही कानूनी उपचार है कि आप सुप्रीम कोर्ट जाएं और हमारे आदेश को चुनौती दें। कोर्ट ने कि यह हर दिन नहीं चल सकता है, यह तीसरी याचिका है। कोर्ट ने कहा कि अदालत याचिकाकर्ता पर 50 हजार का जुर्माना लगाती है। इस पर विस्तृत आदेश पारित किया जाएगा।
बता दें कि यह याचिका आप के पूर्व विधायक और दिल्ली के पूर्व मंत्री संदीप कुमार की ओर से दायर की गयी थी। संदीप कुमार से पहले हाई कोर्ट ने 4 अप्रैल को ‘हिंदू सेना’ के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की इसी तरह की मांग के साथ दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। वहीं, 28 मार्च को हाई कोर्ट ने सुरजीत सिंह यादव द्वारा दायर इसी तरह की जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।