भगवान शिव को जगत का आधार कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि शिव भगवान ही जगत के प्राणियों का कल्याण करते है। धार्मिक ग्रथों मं भगवान शिव को महायोगी भी कहा गया है।
Kailash Mansarovar : भगवान शिव को जगत का आधार कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि शिव भगवान ही जगत के प्राणियों का कल्याण करते है। धार्मिक ग्रथों मं भगवान शिव को महायोगी भी कहा गया है। भगवान महादेव कैलाश पर्वत पर घनघोर तपस्या में लीन रहते है। शिव भगवान का निवास कैलाश पर्वत बताया गया है। ऋषियों द्वारा इस पर्वत की परिक्रमा की जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव अपने गुणों के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहते है। सनातन धर्म में कैलाश को तीर्थ माना गया है। कैलाश पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है। यह शक्तियां कोई आम नहीं बल्कि अद्भुत हैं। यह अद्भुत स्थान रहस्यों से भरा हुआ है। हिन्दू धर्मग्रंथों में शिव पुराण, स्कंद पुराण मत्स्य पुराण में इस स्थान की महिमा का गुणगान अलग ही अध्यायों के रूप में किया गया है।कैलाश पर्वत को स्वर्ग की सीढ़ी के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यदि कोई इस पवित्र पर्वत की परिक्रमा लगाता है, तो उसके समस्त पाप मिट जाते हैं। हिंदू, जैन, तिब्बती बौद्ध और बॉन धर्म के लोग कैलाश पर्वत की दिव्यता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं, हालांकि, ऐसे कई रहस्य हैं जो कैलाश पर्वतमाला में चोटी के चारों ओर घिरे हुए हैं जो हमेशा घने सफेद बादलों के नीचे ढके रहते हैं।
आज भी अजेय
कैलाश पर्वत बहुत दुर्गम है। इसकी ऊंचाई 6600 मीटर से अधिक है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से लगभग 2200 मीटर कम है। इसके बाद भी माउंट एवेरेस्ट पर अब तक 7 हजार से अधिक बार चढाई कर चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत पर अब भी कोई व्यक्ति नहीं चढ़ पाया हैं । यह आज भी अजेय है। भगवान शिव के घर कैलाश पर्वत से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जिन पर बड़े-बड़े वैज्ञानिकों द्वारा शोध किए जा रह हैं। लेकिन ऋषि-मुनियों के अनुसार उस भोले के रहस्य को भांप पाना किसी साधारण मनुष्य के वश की बात नहीं है। आगे जानते हैं कि कैलाश पर्वत का क्या रहस्य है?
अद्भुत और रहस्यमयी
1. कैलाश पर्वत की चोटियों पर दो झीलें हैं पहली मानसरोवर झील जो दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित शुद्ध पानी की सबसे बड़ी झील है। इसका आकार सूर्य के समान है और दूसरी राक्षस झील जो दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित खारे पानी की सबसे बड़ी झील है, और इसका आकार चन्द्रमा के समान है। यह दोनों झीलें यहां कैसे बनी इसको लेकर वैज्ञानिक आज भी शोध कर रहें हैं। इसी कारणों से कैलाश पर्वत को अद्भुत और रहस्यमयी कहा जाता है।
2. हमारी पृथ्वी के एक तरफ उत्तरी ध्रुव है दूसरी तरफ दक्षिणी ध्रुव और इन दोनों ध्रुवों के बीच में है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत. इस बात को वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं कि यह धरती का केंद्र बिंदु है।
3.कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के पास जाने वाले लोगों को निरंतर यहां एक ध्वनि सुनाई देती है जैसे की आस-पास कोई हवाई जहाज उड़ रहा हो। लेकिन ध्यान से सुनने में यह आवाज डमरू या ॐ की तरह सुनाई देती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हो सकता है कि यह आवाज बर्फ के पिघलने की हो।