सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच चल रहा सियासी विवाद सपा की नींव हिला सकता है। सिर्फ शिवपाल ही नहीं पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान का खेमा भी अखिलेश से नाराज चल रहा है।
सीतापुर। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच चल रहा सियासी विवाद सपा की नींव हिला सकता है। सिर्फ शिवपाल ही नहीं पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान का खेमा भी अखिलेश से नाराज चल रहा है। ऐसे में शिवपाल का आजम खान से सीतापुर जेल में मिलने जाना अखिलेश के माथे पर चिंता की लकीर खींच सकती है। इन दोनों के मिलन से अखिलेश को क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है और इससे भाजपा को क्या फायदा होगा ये बहुत सोचने वाली बात नहीं है।
बता दें कि अगर शिवपाल और आजम के बीच किसी भी प्रकार का तालमेल बैठता है तो ये मेल मिलाप सपा की जड़े हिला कर के रख देगा। एक तरफ शिवपाल की यादव और खासकर सपा कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है तो दूसरी तरफ आजम खान यूपी में मुसलमानों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। ऐसे में सपा के कोर वोट बैंक समझे जाने वाले ‘मुस्लिम-यादव’ फैक्टर को आजम-शिवपाल की जोड़ी काफी हद तक डैमेज कर सकती है।
वहीं भाजपा किस तरह से शिवपाल का फायदा उठायेगी वो भी हम आपको बताते हैं। भारतीय जनता पार्टी के पार्टी के एक नेता ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि शिवपाल को पार्टी में लेने से अधिक फायदेमंद शिवपाल की ताकत बढ़ाने में है। आजम और शिवपाल साथ मिलकर सपा को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में यह भाजपा के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।