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कोविड वैक्सीन का मॉक ड्रिल सफल, टीके के लिए तैयार उत्तर प्रदेश

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ: वैक्सीनेशन की तैयारियों को परखने के लिए मंगलवार को पूरे उत्तर प्रदेश में ड्राई रन (मॉक ड्रिल) किया गया जो पूरी तरह सफल रहा। तय कार्यक्रम के अनुसार कुछ प्रमुख जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में इसके लिए 06-06 केंद्र अस्पतालों में बनाए गए थे। इनमें तीन ग्रामीण व तीन शहरी क्षेत्रों में थे। कुछ जिलों में एक दर्जन या इससे अधिक स्थानों पर ड्राई रन किया गया।

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ड्राई रन का हाल जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे और मॉक ड्रिल का जायजा लिया। देर शाम तक सभी जिलों से इस ड्राई रन की सूचनाएं एकत्र की जाती रही लेकिन तमाम जिलों में कोल्ड चेन मेंनटेन करते हुए वैक्सीन सेंटर तक पहुंचाने और सुरक्षित ढंग से लगाने में कहां क्या दिक्कतें आईं, इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाई। अब यह सूचना स्वास्थ्य मुख्यालय स्तर पर बुधवार को मंगाई जाएगी ताकि ड्राई रन के दौरान मिली खामियों को वैक्सीनेशन से पूर्व दूर कर टीकाकरण के फूलप्रूफ इंतजाम किए जा सकें।

कोरोना टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के लिए सभी जिलों में बनाए गए केंद्रों में तीन-तीन कक्ष तैयार किए गए। पहले में लाभार्थी का सत्यापन किया गया, दूसरे में टीका लगाने की प्रैक्टिस की गई और तीसरे में आब्जर्वेशन में रखा गया। करीब 40 मिनट तक लाभार्थियों को केंद्र पर रोका गया। 10 मिनट में सत्यापन और 30 मिनट आब्जर्वेशन में लाभार्थी को रखा गया। अगर किसी भी व्यक्ति को टीका लगाने के बाद कोई रिएक्शन होता है तो उससे बचाव के भी पुख्ता इंतजाम सेंटर पर किए गए थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि हर टीकाकरण केंद्र पर एनाफाइलेक्सिस किट उपलब्ध कराई गई है।

पूर्वाभ्यास के दौरान डॉ. नेगी खुद लखनऊ में स्थित लोकबंधु अस्पताल में मौजूद थे। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को बताया कि टीका लगाए जाने के बाद किसी भी व्यक्ति को खुजली होने, सांस फूलने और ब्लड प्रेशर लो होने की स्थिति में इस किट की मदद से किस तरह उन्हें कंट्रोल करेंगे। वहीं राजधानी में पूर्वाभ्यास की ड्यूटी में कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने की शिकायतें भी सामने आई। स्वास्थ्य विभाग ने पूर्वाभ्यास को सफल बताया और जो छिटपुट कमियां मिली हैं, उन्हें दूर कर आगे पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

सभी जिलों में ड्राई रन मुख्य रूप से पांच चरणों में किया गया। पहले चरण में वैक्सीन लगवाने वाले का आइडेंटिफिकेशन हुआ इसके बाद उसके लिए वैक्सिन की वायल लगाने वाले को दी गई फिर वैक्सीन लगवाने वाले की आईडी लॉग इन की गई और उसके बाद उनको वैक्सीनेट किए जाने का अभ्यास किया गया। वैक्सीनेशन के बाद वैक्सीन लगवाने वाले को एक वैक्सीनेशन कार्ड दिया गया।

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इस कार्ड में जिस दिन वैक्सीनेशन हुआ उस दिन का विवरण और अगले 28वें दिन लगने वाले दूसरे डोज़ की तारीख अंकित रहती है। इस पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट लगे। इसके बाद वैक्सीनेशन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को 30 मिनट तक ऑब्ज़ेरवेशन में रखा गया। इस तीसरे रूम में स्पेशलिस्ट टीम तैनात थीं जिसमें डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ थे जो एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्युनाइजेशन किट के साथ मुस्तैद थे। वैक्सीनेशन के 30 मिनट बाद ही टीका लगवाने वाले व्यक्ति को घर भेजा जाएगा।

कोरोना टीकाकरण कार्य को प्रदेश में सुचारु ढंग से सम्पन्न करने में ड्राई रन अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। टीकाकरण का कार्य प्रत्येक दशा में भारत सरकार के निर्धारित क्रम के अनुरूप किया जाए। – योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री

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