HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. कुकरैल नदी को अपने वास्तविक स्वरूप व प्रकृति के हिसाब से विकसित किया जाए : मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब

कुकरैल नदी को अपने वास्तविक स्वरूप व प्रकृति के हिसाब से विकसित किया जाए : मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब

मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में कुकरैल नदी (Kukrail River) को उसके उद्गम स्थल अस्ति से गोमती नदी (Gomti River) तक प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित करने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय में किया गया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में कुकरैल नदी (Kukrail River) को उसके उद्गम स्थल अस्ति से गोमती नदी (Gomti River) तक प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित करने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

पढ़ें :- यूपी में शराब के शौकीनों को बड़ा झटका , इस दिन बंद रहेंगी दुकानें, सैन्य कैंटीनों पर भी आदेश जारी

बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों ने मंडलायुक्त को अवगत कराया गया कि अस्ति गांव के जो वाटर बॉडी हैं। उसका डीपीआर बनवा लिया गया है। शेष 22 तालाबों का डीपीआर (DPR) बनना है। जिसके क्रम में उन्होंने शौतल झील व शेष कार्यों का डीपीआर 10 दिन के अन्दर बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। बिना विलंब किये हुए कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिन स्थानों पर शिल्ट है। उन स्थानों पर डी-शिल्टिंग कराया जाए।

मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कुकरैल नदी (Kukrail River)  को उसके उद्गम स्थल अस्ति से गोमती नदी तक प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित करने के लिये एक पद्धति एक डीपीआर के तहत संपूर्ण परियोजनाओं को विकसित किए जाने को लेकर मास्टर प्लान बनाया जाए। हम लोग का मुख्य कार्य तालाबों के वाटर रिचार्ज को लेकर किया जाना है। उन्होंने कहा कि स्कॉर्पियो क्लब के अंदर से निकल रही कुकरैल नदी (Kukrail River)  की पैमाइश सिंचाई विभाग व तहसील स्तर से करते हुए चिन्ह्यांकन व सीमांकन कराया जाए। साथ ही अगर कहीं अवैध अतिक्रमण मिलता है तो तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि कुकरैल नदी को अपने वास्तविक स्वरूप एवं प्रकृति के हिसाब से विकसित किया जाए।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...