चारा घोटाला (Fodder Ccam) मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की हालत नाजुक होने के बाद उन्हें मंगलवार को एम्स (AIIMS) रेफर किया जा रहा है। रिम्स (RIMS) में इलाज करने वाले प्रमुख डॉक्टर विद्यापति (Dr. Vidyapati) ने बताया कि उनके किडनी (Kidney) की स्थिति बिगड़ रही है। क्रिएटिनिन लेवल (Creatinine Level) लगातार बढ़ रहा है।
नई दिल्ली। चारा घोटाला (Fodder Ccam) मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की हालत नाजुक होने के बाद उन्हें मंगलवार को एम्स (AIIMS) रेफर किया जा रहा है। रिम्स (RIMS) में इलाज करने वाले प्रमुख डॉक्टर विद्यापति (Dr. Vidyapati) ने बताया कि उनके किडनी (Kidney) की स्थिति बिगड़ रही है। क्रिएटिनिन लेवल (Creatinine Level) लगातार बढ़ रहा है। इसको देखते हुए उन्हें एम्स (AIIMS) रेफर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का क्रिएटिनिन (Creatinine) के अलावा यूरिया का लेवल भी बढ़ गया (Urea level also increased) है।
डॉक्टर विद्यापति (Dr. Vidyapati) ने बताया कि लालू प्रसाद का इलाज रिम्स में भी इनके गाइडलाइन के हिसाब से ही चल रहा है। उनकी सिर्फ शुगर और बीपी की दवाई के डोज को बढ़ाई गई थी। अब स्थिति बिगड़ रही है इसलिए उन्हें एम्स भेजा जा रहा है। लालू प्रसाद फिलहाल रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा नंबर A11 में भर्ती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक लालू प्रसाद 19 तरह के विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं।
21 फरवरी को कोर्ट ने सुनाई थी पांच साल की सजा
21 फरवरी को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी। रांची के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राजद सुप्रीमो को सजा सुनाई थी। इसके अलावा उनपर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
11 मार्च को होगी जमानत पर सुनवाई
बता दें कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव तबीयत खराब होने की वजह से रिम्स में भर्ती हैं। पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत नहीं मिल पाई थी। अब 11 मार्च को उनकी जमानत पर सुनवाई होनी है। सीबीआई कोर्ट से सजा मिलने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। पिछली सुनवाई के दौरान जज अपरेश कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिकाकर्ता को डिफेक्ट हटाने का निर्देश दिया था।