बिहार की राजनीति में पल पल घटना क्रम बदल रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ गए हैं।
पटनाः बिहार की राजनीति में पल पल घटना क्रम बदल रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ गए हैं। चाचा पशुपति कुमार पारस और भाई प्रिंस राज की बगावत के बाद उनकी पार्टी के सभी सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया है। राजनीतिक चालों से जूझ रहे चिराग ने पहली बार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
चिराग पासवान ने ट्विटर पर लिखा, पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।
पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा।पार्टी माँ के समान है और माँ के साथ धोखा नहीं करना चाहिए।लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूँ। एक पुराना पत्र साझा करता हूँ। pic.twitter.com/pFwojQVzuo
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) June 15, 2021
गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है।