लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में जी-20 शिखर सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट से पहले चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बाहर लक्ष्मण जी की मूर्ति का अनावरण गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इन्वेस्टर समिट की तैयारियों के बीच लक्ष्मण जी की मूर्ति 'आस्था का प्रतीक' के रूप में स्थापित की गई है। कांस्य से बनी 12 फीट की लक्ष्मण जी की मूर्ति के अनावरण के वक़्त कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में जी-20 शिखर सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट से पहले चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बाहर लक्ष्मण जी की मूर्ति का अनावरण गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इन्वेस्टर समिट की तैयारियों के बीच लक्ष्मण जी की मूर्ति ‘आस्था का प्रतीक’ के रूप में स्थापित की गई है। कांस्य से बनी 12 फीट की लक्ष्मण जी की मूर्ति के अनावरण के वक़्त कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।
इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, स्थानीय विधायक राजेश्वर सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। लखनऊ के रास्ते अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को अब राजधानी पहुंचने पर पहले भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के दर्शन होंगे। फिर, वो अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। बीजेपी के कई नेता लखनऊ का नाम बदलकर लक्षणपुर या लखनपुर करने की मांग काफी समय से उठाते रहे हैं। ऐसी मांग करने वालों का कहना है कि, शहर का पहले नाम लक्षणपुर ही था जिसे बाद में बदलकर लखनऊ किया गया।
एयरपोर्ट पर लक्ष्मण की 12 फीट ऊंची और 1200 किलो वजनी प्रतिमा लगी
एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही रुद्र मुद्रा में लक्ष्मण प्रतिमा को देखना अद्भुत होगा। इस प्रतिमा को नोएडा में विख्यात मूर्तिकार राम सुतार व उनके बेटे अनिल सुतार ने तैयार किया है। इस 12 फीट ऊंची प्रतिमा को छह फीट ऊंचे पैडस्टल पर लगाया गया है। इस तरह इसकी जमीन से कुल ऊंचाई 18 फीट हो गई है। प्रतिमा को स्थापित करने का काम सोमवार सुबह शुरू किया गया। प्रतिमा में लक्ष्मणजी धनुष-बाण हाथ में लिए हैं। पीठ पर तरकश भी है। वनगमन के समय की इस प्रतिमा को वनवासी की वेशभूषा के साथ ही बनाया गया है। इसे कांस्य धातु से तैयार किया गया है।
इसका रंग कांस्य धातु के प्राकृतिक रंग में ही रखा गया है। रुद्र मुद्रा और कांस्य धातु का प्राकृतिक रंग ही इस प्रतिमा की खूबी है। एयरपोर्ट के बाहर मौजूद रोटरी पर यह लक्ष्मण प्रतिमा लगाई गई है। ऐसे में कानपुर रोड और एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर दोनों तरफ जाने पर मेहमानों को यह दिखाई देगी। इसका कुल वजन करीब 1.5 टन है।
अयोध्या में ‘राम’, तो लखनऊ में आए ‘लक्ष्मण’
अब जब आप लखनऊ जाएंगे तो लक्ष्मणजी की मूर्ति भी दिखेगी। लखनऊ के रास्ते अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु पहले प्रभु राम के छोटे भाई लक्ष्मण के दर्शन करेंगे और फिर अयोध्या में प्रभु राम के। ये मूर्ति लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लगी है। मान्यता है कि भगवान राम ने ये इलाका लक्ष्मण जी को उपहार में दिया था। लक्ष्मण ने ही लखनऊ बसाया था इसलिए पहले शहर का नाम लक्ष्मणपुर या लखनपुर था। मूर्ति में धनुष बाण के साथ लक्ष्मण रौद्र रूप में दिखाई दे रहे हैं।
मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है लक्ष्मण जी की मूर्ति
मूर्ति प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है, इसे तैयार करने के लिए ब्रॉन्ज (कांस्य) का उपयोग किया गया है। प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने कई बड़े महापुरुषों की मूर्तियां बनाई हैं। उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता स्टैचू ऑफ यूनिटी से मिली जो कि विश्व की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। राम सुतार 96 साल के हैं और लगभग 50 साल से मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं।