उत्तर प्रदेश विधान परिषद का 20 जून को चुनाव प्रस्तावित है। जिन 13 सीटों पर चुनाव होना है, उसमें 9 पर बीजेपी और 4 सपा जीत तय मानी जा रही है। विधान परिषद में एक सीट जीतने के लिए 31 सदस्यों की जरूरत होगी। बीजेपी गठबंधन की बात करें तो विधानसभा में उसके पास कुल 273 और सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं। बता दें कि 6 जुलाई को विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद का 20 जून को चुनाव प्रस्तावित है। जिन 13 सीटों पर चुनाव होना है, उसमें 9 पर बीजेपी और 4 सपा जीत तय मानी जा रही है। विधान परिषद में एक सीट जीतने के लिए 31 सदस्यों की जरूरत होगी। बीजेपी गठबंधन की बात करें तो विधानसभा में उसके पास कुल 273 और सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं। बता दें कि 6 जुलाई को विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) स्वामी प्रसाद मौर्या, अरविंद राजभर, सोबरन सिंह यादव व इमरान मसूद को विधान परिषद भेज सकती है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, जिसके बाद सपा ने उन्हें फाजिलनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया था।लेकिन वह चुनाव हार गए थे। अब सपा उन्हें ईनाम के तौर पर विधान परिषद भेज सकती है।
सोबरन सिंह यादव ने बीते विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए करहल विधासभा सीट छोड़ दी थी। जिस पर अखिलेश यादव बड़े अंतर से मोदी सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराकर पहले बार विधायक बने हैं। अब सपा उन्हें विधान परिषद का टिकट ईमान के तौर पर दे सकती है।