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Magh Gupta Navratri 2023 : माघ गुप्त नवरात्रि में करें त्रिपुर भैरवी की पूजा , जानिए नौ दिन के भोग के बारे में

सनातन धर्म नवरात्रि को सबसे बड़ा साधना पर्व माना जाता है। आदिशक्ति जगदंबा को प्रसन्न करने के लिए और उनसे शक्ति का वरदान मांगने के कलिए यह सबसे उपयुक्त अवसर होता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Magh Gupta Navratri 2023 : सनातन धर्म नवरात्रि को सबसे बड़ा साधना पर्व माना जाता है। आदिशक्ति जगदंबा को प्रसन्न करने के लिए और उनसे शक्ति का वरदान मांगने के कलिए यह सबसे उपयुक्त अवसर होता है। भक्तगण बहुत विधि विधान से मां जगदंबा की पूजा करते है और उनको प्रसन्न करने की कोशिश करते है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष में  चार नवरात्रि पड़ती है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि के अलावा दो  गुप्त नवरात्रि का पालन किया जाता है। एक माघ गुप्त नवरात्रि और दूसरा आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के रूप मनाया जाता है। लोग इस पर्व को  बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाते हैं। माघ गुप्त नवरात्रि माघ माह के शुक्ल पक्ष में आती है, जबकि आषाढ़ नवरात्रि आषाढ़ मास के दौरान आती है।हिंदु पंचांग के अनुसार माघ मास की गुप्त नवरात्रि  22 जनवरी, रविवार से शुरू होकर 30 जनवरी को समाप्त होगा।

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माघ गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक क्रियाओं का भी महत्व अधिक होता है। और तंत्र मंत्र से जुड़ी सिद्धियों और विद्याओं की प्राप्ति की जाती है। भक्तों माघ गुप्त नवरात्रि में मां की उपासना करके हर कामना पूर्ण कर सकते हैं। गृहस्थ जीवन वालों को इस नवरात्रि में देवी की सात्विक पूजा ही करनी चाहिए।  गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता भगलामुखी, मातंगी, कमला देवी का पूजन किया जाता है।

गुप्त नवरात्रि के नौ दिन के भोग
मां शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन यानी कि प्रतिपदा वाले दिन मां शैलपुत्री की आराधना करने हेतु सफेद रंग के दुध युक्त उत्पाद चढ़ाए जाते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी
द्वितीय तिथि वाले दिन मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री और पंचामृत का प्रसाद चढ़ाए। इससे आपकी आयु लंबी होगी।
मां चंद्रघंटा
तृतीय तिथि पर मां चंद्रघंटा को दूध और दुध से बने उत्पाद चढ़ाए। इससे भक्तों के जीवन से दुखों का निवारण हो जाएगा।
कुष्मांडा
तेज दिमाग और सूझबूझ भरे फैसले लेने की क्षमता हासिल करने हेतु चतुर्थी तिथि वाले दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का प्रसाद चढ़ाएं।
मां स्कंदमाता
सेहत की प्राप्ति के लिए पांचवें दिन मां स्कंदमाता को केले का प्रसाद अर्पण करें।
मां कात्यायनी
छठी तिथि पर मां कात्यायनी को शहद का प्रसाद बनाकर चढ़ाए। ऐसा करने से आपका व्यक्तित्व और रूप रंग खिल उठेगा।
मां कालरात्रि
सप्तमी के दिन समस्याओं से बचाव सुनिश्चित करने की उम्मीद में मां कालरात्रि को नैवेद्य के रूप में गुड़ चढ़ाएं।
मां महागौरी
बच्चों के अच्छे भविष्य और विकास के लिए अष्टमी तिथि पर मां महागौरी को नारियल का प्रसाद अर्पित करें।
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री को नवमी के दिन चना पूरी, खीर और हलवे का प्रसाद चढ़ाएं। इससे आपके घर, परिवार और जीवन सुख, शांति तथा समृद्धि का वास रहेगा।

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