मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माह माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है।
Margashirsha Purnima 2022 : मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माह माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, व्रत एवं दान-पुण्य करने के अलावा चंद्रमा की उपासना जरूर करनी चाहिए।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा को अमृत से खींचा गया था।
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 7 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और 8 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा का व्रत 7 दिसंबर को रखा जाएगा।
इस दिन भी चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है। अगर आप मानसिक शांति पाना चाहते हैं तो चंद्रमा को दूध से अर्घ्य अवश्य दें। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन यदि चंद्र देवता को कच्चे दूध में मिश्री और चावल के कुछ दाने मिलाकर अर्घ्य दिया जाए तो धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और सभी कष्टों से भी छुटकारा मिलता है।