महाकुंभ के अवसर पर आज मौनी अमावस्या के दिन संगम तट श्रद्धलुओं की भारी भीड़ आस्था की डुबकी लगा रही । पौराणिक ग्रथों में वर्णित है कि मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आज मौनी अमावस्या के दिन कई शुभ योग बने हुए है। ब्रह्म मुहूर्त के बाद स्नान का अगला शुभ मुहूर्त शिव वास योग है। इस योग का निर्माण सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है और इस योग का समापन शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा। इसके साथ ही, सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 12 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त के बाद दिन में किसी भी समय अमृत स्नान किया जा सकता है।
त्रिवेणी संगम की महिमा
त्रिवेणी संगम, हिंदू धर्म के अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र है। यह मात्र तीन नदियों का मिलन नहीं है, बल्कि इसे पवित्रता, आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का अमृत स्थल माना जाता है। इसके साथ जुड़ी प्राचीन कथाएँ और मान्यताएँ इसकी दिव्यता और महत्व को और भी गहराई से प्रकट करती हैं।
आध्यात्मिक शुद्धि
त्रिवेणी संगम में स्नान करना आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है। विशेष रूप से कुंभमेला जैसे शुभ अवसरों पर यहां स्नान करने से पापों का नाश और नकारात्मक कर्मों से मुक्ति मिलती है। यह न केवल जीवित व्यक्तियों के लिए लाभकारी है, बल्कि प्रेत योनि में फंसी आत्माओं की शांति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।