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Mauni Amavasya 2025 : मौनी अमावस्या पर वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है , दीपक जलाएं और  परिक्रमा करें

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास की अमावस्या में पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों तो दान करने का विशेष महत्व है। इसे माघी अमावस्या भी कहते हैं।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Mauni Amavasya 2025 : हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास की अमावस्या में पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों तो दान करने का विशेष महत्व है। इसे माघी अमावस्या भी कहते हैं। साल 2025 में मौनी अमावस्या का संयोग 29 जनवरी, बुधवार को बन रहा है।

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वट वृक्ष की पूजा करें
मौनी अमावस्या पर वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि इस वृक्ष में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का वास माना गया है। मौनी अमावस्या पर सुबह स्नान आदि करने के बाद वट वृक्ष पर जल चढ़ाएं, शुद्ध घी का दीपक जलाएं और इसकी 7 परिक्रमा भी करें। पूजा के बाद ये मंत्र भी बोलें, इससे आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।

यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।

पितरों की भी करें पूजा
पौराणिक ग्रथों के अनुसार, अमावस्या तिथि के देवता पितृ हैं, इसलिए मौनी अमावस्या पर पितृ की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। इसके लिए घर में खीर बनाएं। अग्नि में पितरों के लिए घी-गुड़ और खीर डालें और ऊं पित देवताभ्यो नम: बोलें। अगर स्वयं ये काम न कर पाएं तो किसी योग्य विद्वान ब्राह्मण की सहायता भी ले सकते हैं। इस उपाय से आपके पितरों की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और आप हर संकट से बचे रहेंगे।

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