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पितरों के मोक्ष और काल सर्प दोष मुक्ति के लिए 11 मई है बेहद शुभ, करें ये उपाय

पितरों को तर्पण और काल सर्प दोष निवारण के लिए वैशाख अमावस्या का दिन बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में इस अमावस्या को पितरों के लिए मोक्षदायिनी बताया गया है। इस बार वैशाख अमावस्या पर सौभाग्य और शोभन, दो शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में पितरों के मोक्ष और काल सर्प से मुक्ति के लिए ये उपाय करें। 

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: वैशाख के महीने को धार्मिक दृष्टि से काफी पावन माना जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु और शिव का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से त्रिदेव का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। इसी महीने में गंगा उपासना, वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी, सीता नवमी, अक्षय तृतीया, वैशाख पूर्णिमा और वैशाख अमावस्या जैसे तमाम व्रत और त्योहार भी आते हैं। ये भी मान्यता है कि त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख के महीने से हुई थी।

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इस बार वैशाख अमावस्या 11 मई 2021 को होगी। पितरों को तर्पण और काल सर्प दोष निवारण के लिए वैशाख अमावस्या का दिन बहुत शुभ माना जाता है।  शास्त्रों में इस अमावस्या को पितरों के लिए मोक्षदायिनी बताया गया है। इस बार वैशाख अमावस्या पर सौभाग्य और शोभन, दो शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में पितरों के मोक्ष और काल सर्प से मुक्ति के लिए ये उपाय करें।

पितरों के मोक्ष के लिए

  • पितरों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या के दिन उपवास करें और तर्पण करें। नारायण से पितरों के मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना करते हुए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें। इसके बाद किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराएं, वस्त्र व सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा दें।
  •  किसी नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद बहते जल में काले तिल को प्रवाहित कर दें।
  • सुबह के समय पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही पितरों की शान्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करें। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने पीपल को अपना ही रूप बताया है।

काल सर्प दोष निवारण के लिए ये उपाय करें

  • भगवान शिव का दूध से अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें चांदी का नाग और नागिन का जोड़ा अर्पित करें।
  • किसी सपेरे से जीवित नाग और नागिन का जोड़ा खरीदकर उसे किसी जंगल में मुक्त करा दें।
  • नव नाग स्तोत्र का 108 बार पाठ करें। इसके बाद बहते हुए जल में 11 नारियल प्रवाहित करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

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