अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान 'टाउते' के आने के बाद एक अन्य चक्रवात ‘यास’ के 26-27 मई को पूर्वी तट पर पहुंचने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि उत्तर अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी में 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो इसके बाद 72 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
नई दिल्ली। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ‘टाउते’ के आने के बाद एक अन्य चक्रवात ‘यास’ के 26-27 मई को पूर्वी तट पर पहुंचने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि उत्तर अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी में 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो इसके बाद 72 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने बताया कि यह उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ सकता है और 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है।
उसने बताया कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और मेघालय में 25 मई से हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। विभाग ने बताया कि इसके बाद बारिश तेज होगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सचिव एम राजीवन ने कहा कि 23 मई को बंगाल की खाड़ी में चक्रवात परिसंचरण बनने का अनुमान है। राजीवन ने कहा कि इसके चक्रवात में तब्दील होने और पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा के तट से टकराने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह ‘टाउते’ चक्रवात की तरह प्रचंड नहीं होगा, जो बेहद विकराल चक्रवातीय तूफान का रूप ले चुका था।
मानसून से पहले के महीनों अप्रैल-मई में पूर्वी और पश्चिमी तट पर अक्सर चक्रवात बनते देखे जाते हैं। मई 2020 में पूर्वी तट पर विकराल चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ और पश्चिम तट पर प्रचंड चक्रवातीय तूफान ‘निसर्ग’ ने दस्तक दी थी।
अम्फान की तरह हो सकता है यास
IMD के अधिकारी ने बताया कि यास, बीते साल आए तूफान अम्फान की तरह तेज हो सकता है। आईएमडी में चक्रवातों पर नज़र रखने वाली सुनीता देवी ने कहा कि हम अम्फान जैसी तीव्रता से इनकार नहीं कर सकते। अच्छी बात यह है कि अभी के मॉडल दिखा रहे हैं कि सिस्टम समुद्र के ऊपर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। समुद्र के ऊपर इसका समय कम होने पर इसकी तीव्रता प्रतिबंधित हो जाएगी।
ओडिशा में अधिकारियों ने चक्रवात की तैयारी शुरू कर दी है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप के. जेना ने बुधवार को 10 तटीय जिलों के कलेक्टरों के साथ एसपी, अग्निशमन विभाग के अधिकारियों और आपातकालीन अधिकारियों के साथ एक तैयारी बैठक की। उन्होंने जिला अधिकारियों को राहत आश्रयों की पहचान करने, सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की जांच करने और कर्मचारियों को तैनात करने और निकासी योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
जेना ने बैठक के बाद कहा कि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि चक्रवात ओडिशा तट पर दस्तक देगा। हमें आईएमडी से कुछ प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है, जिसमें 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट पर संभावित चक्रवाती तूफान की भविष्यवाणी की गई थी।
पश्चिम बंगाल में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया। बनर्जी ने अधिकारियों को दवाओं, पीने के पानी, सूखे भोजन और तिरपाल के पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। समुद्र की स्थिति खराब से बहुत खराब होने की चेतावनी देते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को 24 मई से बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी है। बता दें कि अप्रैल और मई के प्री-मानसून महीनों में आमतौर पर पूर्वी और साथ ही पश्चिमी तट पर चक्रवात बनते हैं।