कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष व रायबरेली से लोकसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को लोकसभा में मोदी सरकार से आग्रह किया कि कोविड-19 (Covid-19) के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद अब मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए। ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके।
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष व रायबरेली से लोकसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को लोकसभा में मोदी सरकार से आग्रह किया कि कोविड-19 (Covid-19) के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद अब मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए। ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके।
With the closure of schools during Covid pandemic, the system of mid-day meals also stopped.
Due to NFSA and the order of the Supreme Court, people got dry ration.
But dry ration is no substitute to nutritious food for children.
– Congress President Smt. Sonia Gandhi pic.twitter.com/kMVQtlnAsP
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— Congress (@INCIndia) March 23, 2022
उन्होंने कहा कि सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया है। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि महामारी आरंभ होने के बाद हमारे बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। स्कूल सबसे पहले बंद हुए और सबसे आखिर में खुले। इस दौरान मध्याह्न भोजन बंद हो गया था। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सूखा राशन, पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में इन बच्चों के परिवारों को आजीविका के संकट का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब बच्चे जैसे-जैसे स्कूलों में जा रहे हैं, उन्हें और बेहतर पोषण की आवश्यकता है।
आजीविका का संकटः सोनिया गांधी
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि कोरोना काल में इन बच्चों के परिवारों को आजीविका के संकट का सामना करना पड़ा है। अब बच्चे जैसे-जैसे स्कूलों में जा रहे हैं, उन्हें और बेहतर पोषण की आवश्यकता है। रायबरेली से कांग्रेस सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि गर्म और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना तत्काल आरंभ किया जाए। मध्याह्न भोजन (Mid-Day Meal) तत्काल आरंभ करना चाहिए।
इससे पहले पिछले हफ्ते कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने लोकसभा में मोदी सरकार से भारत में चुनावी राजनीति पर फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया कंपनियों के प्रभाव पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर किसी प्रकार का असर डालने से हमें रोकने की जरूरत है।
सोशल मीडिया कंपनियों का दुरुपयोग
विदेशी कंपनियों को लोकतंत्र के लिए खतरा करार देते हुए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा था कि सरकार को इस पर विराम लगाना चाहिए। उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया और कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि सत्तापक्ष की मिलीभगत के साथ सोशल मीडिया कंपनियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग, लोकतंत्र को ‘हैक’ करने में किया जा रहा है। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने दावा किया, ‘सत्तापक्ष की मिलीभगत से फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया मंचों के जरिये सामाजिक सद्भाव को जिस तरह खराब किया जा रहा है। वह हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा है। बड़े औद्योगिक समूहों और सरकार के बीच मिलीभगत है।