यूपी विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने एमएलसी चुनाव में शर्मनाक प्रदर्शन किया है। कुल 36 सीटों पर संपन्न हुए चुनाव में एक भी सीट पर किसी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत नहीं मिली।
इटावा। यूपी विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने एमएलसी चुनाव में शर्मनाक प्रदर्शन किया है। कुल 36 सीटों पर संपन्न हुए चुनाव में एक भी सीट पर किसी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। बात अगर अन्य क्षेत्र की हो तो ठीक है यहां तक की सपा का गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्र इटावा में भी समाजवादी पार्टी के हांथ बुरी हार लगी है। यादव लैंड में मिली इस हार को चाचा शिवपाल यादव से जोड़ कर के देखा जा रहा है।
विधान परिषद चुनाव में वोटिंग के लिए इटावा पहुंचे शिवपाल यादव ने भी इस ओर इशारा कर दिया था। चेहरे पर मुस्कान के साथ उन्होंने जहां एक तरफ यह कहा कि ‘उचित समय’ (अगले राजनीतिक कदम को लेकर) आने वाला है तो दूसरी तरफ यह कहकर भी सस्पेंस बढ़ा दिया था कि नतीजे आने दो, देख लेना किसकी जीत होगी। शिवपाल ने अपनी जुबान से अधिक कुछ कहने से तो इनकार किया, लेकिन उनके चेहरे के हाव-भाव ने साफ कर दिया था कि वह अखिलेश के खिलाफ नतीजे आने की बात कर रहे हैं।
बता दें कि अखिलेश यादव से इस वक्त समाजवादी पार्टी का कई खेमा नाराज चल रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही सपा के प्रमुख चेहरे आजम खान के मीडिया प्रभारी ने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाये थे। उन्होंने सपा सुप्रीमो पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अखिलेश यादव नहीं चाहते कि खां साहब कभी जेल से बाहर आये।
गौरतलब है कि इटावा में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। एमएलसी चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार प्रांश दत्त द्विवेदी ने 4139 वोट लेकर जीत दर्ज की तो सपा उम्मीदवार हरीश यादव को महज 657 वोट ही मिले। पार्टी में कई तरफ से उठ रहे बागी सुरों के बीच यह नतीजा अखिलेश की चिंता बढ़ाने वाला है।