कांग्रेस महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) आए दिन किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। आए दिन किसी न किसी बहाने पर सरकार पर हमलावर रहती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार काले कृषि कानूनों को वापस लेने की बजाए सिर्फ देश के किसानों को बार-बार अपमानित करने में जुटी है।
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) आए दिन किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। आए दिन किसी न किसी बहाने पर सरकार पर हमलावर रहती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार काले कृषि कानूनों को वापस लेने की बजाए सिर्फ देश के किसानों को बार-बार अपमानित करने में जुटी है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के काम कर रही है। उन्हीं के चश्मे को लगाकर किसानों का संकट देख रही है। इसलिए उसे देश में कहीं भी हकीकत नजर नहीं आ रही है।
भाजपा सरकार ने संसद में कहा कि न तो उसने काले कृषि कानूनों पर किसानों की मंशा जानने की कोई कोशिश की और न ही उसके पास शहीद किसानों का कोई आंकड़ा है।
अपने खरबपति मित्रों का चश्मा लगाकर आंखों का पानी मार चुकी ये सरकार बस किसानों का अपमान किए जा रही है।#काले_कृषि_कानून_वापस_लो
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 25, 2021
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प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार ने संसद में कहा कि न तो उसने काले कृषि कानूनों पर किसानों की मंशा जानने की कोई कोशिश की और न ही उसके पास शहीद किसानों का कोई आंकड़ा है। वाड्रा ने कहा कि अपने खरबपति मित्रों (trillionaire friends) का चश्मा (glasses) लगाकर आंखों का पानी मार चुकी (eyes water dead) ये सरकार ,बस किसानों का अपमान किए जा रही है। उन्होंने कहा कि काले कृषि कानून वापस लो।
बता दें कि काफी लंबे समय से देश के किसान आंदोलित हैं, लेकिन अभी तक मोदी सरकार के तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रहा है। सरकार की अनदेखी से मजबूर हो अब ये किसान जंतर-मंतर पर किसान संसद (Farmers’ Parliament) लगाए हैं। बीएसपी (BSP) सहित कई प्रमुख विपक्षी दल केन्द्र सरकार चालू सत्र में ही इस कानून को रद्द करने की मांग कर चुके हैं।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) के नेतृत्व में किसान ने जंतर-मंतर पर बीते 22 जुलाई से किसान संसद (Farmers’ Parliament) लगा रहे हैं। इस मामले में बीते गुरुवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी (Union Minister of State for External Affairs Meenakshi Lekhi) ने प्रेस कांफ्रेंस कर किसानों को मवाली बता दिया है। इसके बाद वह यहां भी नहीं रुकी। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वे किसान ही नहीं हैं। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में पॉलिटिकल एजेंडे को धार दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक नेरेटिव को आगे बढ़ाया जा रहा है।मीनाक्षी लेखी ने इस दौरान तर्क दिया कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है।
लेखी की इस टिप्पणी पर आग बबूला बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि गुंडे वे हैं जिनके पास कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों पर इस तरह की टिप्पणी करना गलत है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसान हैं, गुंडे नहीं। किसान जमीन के अन्नदाता हैं।