मॉनसून ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में दस्तक दे दी है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार चार दिन अडवांस 27 मई को ही मॉनसून केरल पहुंच जाएगा। केरल में इन दिनों प्री मॉनसून बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा कि दो तीन दिन में अडमान सागर और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मॉनसून का असर नजर आने लगेगा।
नई दिल्ली। मॉनसून ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में दस्तक दे दी है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार चार दिन अडवांस 27 मई को ही मॉनसून केरल पहुंच जाएगा। केरल में इन दिनों प्री मॉनसून बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा कि दो तीन दिन में अडमान सागर और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मॉनसून का असर नजर आने लगेगा।
मौसम विभाग ने जताया बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक इस क्षेत्र में भारी बारिश का अनुमान जताया है। असम में भी चार लोगों की मौत की खबर है। बता दें कि भारत के हिमालयी क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन सामान्य बात है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अब बाढ़ की समस्या ज्यादा हो गई है। 2020 में उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से कम से कम 200 लोगों की मौत हो गई थी। 2013 की त्रासदी में वहां हजारों लोग मारे गए थे।
अधिकारियों के मुताबिक असम के डीमा हसाओ जिले में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से कई रेलवे स्टेशन बंद रहे। उन्होंने कहा कि विपरीत हालात में सुदूर इलाकों में रहने वाले करीब दो लाख लोगों का संपर्क बाकी राज्य से कट गया। पानी के तेज बहाव की वजह से पुल और सड़कें या तो टूट गए या बह गए।
लोगों की मदद के लिए सेना ने हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में भी भारी बारिश और कटाव की वजह से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। राज्य की राजधानी ईटानगर में एक घर ढहने की वजह से दो की मौत हो गई। इसके अलावा भूस्खलन की वजह से दो मजदूरों की मौत हो गई।