संसद (Parliament) के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) खत्म होने के बाद गुरुवार सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए संसद से विजय चौक तक विपक्ष (Opposition) ने पैदल मार्च (Foot March) किया। इस दौरान विपक्ष के नेता 'कृषि कानून वापस लो' स्लोगन लिखा बैनर लेकर मार्च कर रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई केंद्र के खिलाफ 15 दलों के नेता शामिल थे।
नई दिल्ली। संसद (Parliament) के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) खत्म होने के बाद गुरुवार सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए संसद से विजय चौक तक विपक्ष (Opposition) ने पैदल मार्च (Foot March) किया। इस दौरान विपक्ष के नेता ‘कृषि कानून वापस लो’ स्लोगन लिखा बैनर लेकर मार्च कर रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की अगुवाई केंद्र के खिलाफ 15 दलों के नेता शामिल थे।
राहुल गांधी ने विपक्ष की आवाज बुलंद करते हुए कहा कि जनता की आवाज दबाई जा रही है। तो वहीं विपक्ष पर पलटवार (Counterattack on the Opposition) करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi) ने कहा कि क्या कोई भी देश का नागरिक यह हिंसक हंगामा (Violent Uproar) स्वीकार कर सकता है? यह हिंसक प्रदर्शन, हंगामा, अराजकता और जिस तरीके से उदंडता दिखाई पड़ी ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह की सरकार हमेशा से मुद्दों पर बहस करने तैयार थी, लेकिन विपक्ष तय करके आया था की संसद के मॉनसून सत्र को वॉश आउट (Wash out monsoon session) करेंगे। उन्होंने आगे कहा की पराकाष्ठा तो तब हो गई जब लोकतंत्र के मंदिर को प्रदूषित करने का षडयंत्र (Conspiracy to pollute the temple of democracy) किया गया।