जब आप अपने लक्ष्य को लेकर के बहुत सीरियस होते हैं तो आपके साथ क्या क्या हो सकता है ये बताया है भारत के पूर्व क्रिकेटर और महान खिलाड़ी सचिन तेंदुल्कर ने। तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के करीब आठ साल बाद बताया कि वह मैच से पहले ढंग से सो नहीं पाते थे और फिर किस तरह उन्होंने इस मुश्किल का सामना किया।
Motivation News: जब आप अपने लक्ष्य को लेकर के बहुत सीरियस होते हैं तो आपके साथ क्या क्या हो सकता है ये बताया है भारत के पूर्व क्रिकेटर और महान खिलाड़ी सचिन तेंदुल्कर(Sachin Tendulkar) ने। तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के करीब आठ साल बाद बताया कि वह मैच से पहले ढंग से सो नहीं पाते थे और फिर किस तरह उन्होंने इस मुश्किल का सामना किया। तेंदुलकर ने बताया कि यहां तक करियर के आखिरी टेस्ट मैच(Last Test Match) से पहले भी वह ढंग से सो नहीं पाए थे।
सचिन ने बताया, ‘अगर आप किसी चीज की केयर करते हैं, तो आपके अंदर उसको लेकर बेचैनी आती ही है। यह सिर्फ इसलिए था कि मुझे क्रिकेट से बहुत प्यार(Love Cricket) था और मैं जब भी मैदान पर जाता था, तो अच्छा करना चाहता था। मैं कहूंगा कि करियर के शुरुआती 12 साल मैं मैच से पहले ढंग से सो नहीं पाता था। मैं लगातार इस बात को सोचता रहता था कि कैसे गेंदबाज का सामना करूंगा, वह कैसी गेंदबाजी(Bowling) करेगा, मेरे पास क्या-क्या ऑप्शन हैं? मैं लगातार यही सोचता रहता था और नींद से जंग चलती रहती थी।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं जब इससे निपट नहीं पाया, तो मैंने इसको स्वीकार करना शुरू कर दिया। मैंने मान लिया कि इस तरह ही मेरा शरीर और दिमाग(dimag) मैच के लिए तैयार होते हैं। यह ठीक है और मुझे इससे लड़ने की जरूरत नहीं है। मैंने इस बात को अपना लिया, मैंने खुद से कहा कि ठीक है अगर मैं 12:30 या 1 बजे तक भी जगता हूं, टीवी देखता(Watching Tv) हूं, गाने सुनता हूं या जो भी करता हूं, इससे फर्क नहीं पड़ता। किसी भी चीज को अपनाना जरूरी होता है। मैं जितना चीजों को खुद समझता गया, मेरी लिए चीजें आसान होती गईं।