मुगल शासक औरंगजेब (Mughal Emperor Aurangzeb) को दुनिया में कट्टरता के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन उलट असम की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम (MLA Aminul Islam) ने अलग ही दावा किया है। उन्होंने इतिहास से अलग एक नया दावा करते हुए अमीनुल इस्लाम (MLA Aminul Islam) ने कहा कि औरंगजेब (Aurangzeb) ने 400 मंदिरों के लिए जमीन दान की थी। इनमें से ही एक मंदिर गुवाहाटी का प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर (Famous Kamakhya Devi Temple of Guwahati) भी है।
नई दिल्ली। मुगल शासक औरंगजेब (Mughal Emperor Aurangzeb) को दुनिया में कट्टरता के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन उलट असम की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम (MLA Aminul Islam) ने अलग ही दावा किया है। उन्होंने इतिहास से अलग एक नया दावा करते हुए अमीनुल इस्लाम (MLA Aminul Islam) ने कहा कि औरंगजेब (Aurangzeb) ने 400 मंदिरों के लिए जमीन दान की थी। इनमें से ही एक मंदिर गुवाहाटी का प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर (Famous Kamakhya Devi Temple of Guwahati) भी है।
मंगलवार को एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए अमीनुल इस्लाम (Aminul Islam) ने कहा कि मैं वही कह रहा हूं, जो देश ने मुगल शासन के दौर में देखा था। एक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि औरंगजेब (Aurangzeb) ने 400 से ज्यादा मंदिरों के लिए जमीन दान की थी।
इस्लाम ने कहा कि अन्य मुगल शासकों ने भी मंदिरों और पुजारियों के लिए जमीन दान की थी। इनमें से ही एक कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) भी है। AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि देश में सेक्युलरिज्म (Secularism) की भावना हजारों साल से मौजूद है। इसकी शुरुआत 1947 के बाद से ही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि असम के सीएम ने कहा था कि भारत 1947 के बाद से ही सेक्युलर (Secularism) रहा है। इसके जवाब में मैंने कहा कि भारत में जिसने भी शासन किया है, उसने सेकुलरिज्म (Secularism) का पालन किया है। हिंदू शासकों के दौर में मुस्लिम वर्ग के लोग अपनी आस्था के लिए आजाद थे और ऐसी ही स्थिति मुस्लिम शासकों के दौर में भी थी।
अमीनुल इस्लाम (Aminul Islam) ने कहा कि भारत हजारों से सेक्युलर (Secularism) ही रहा है। उन्होंने कहा कि अमीनुल इस्लाम (Aminul Islam) की पुस्तक ‘पवित्र असम’ (Book ‘Holy Assam’) के मुताबिक औरंगजेब (Aurangzeb) के दरबार के एक अधिकारी ने जमीनों के दान का आदेश दिया था। अपने दावों को लेकर ऐतराज पर उन्होंने कहा कि सीएम को मुझे धमकाने की बजाय असम साहित्य सभा (Assam Sahitya Sabha) को धमकी देनी चाहिए, जिसने यह पुस्तक छापी है। उन्होंने कहा कि हजारों शासकों के दौर में सेक्युलरिज्म (Secularism) रहा है। भले ही उनका मजहब कुछ भी रहा हो। इसलिए असम के सीएम का यह कहना कि आजादी के बाद ही देश में सेक्युलरिज्म (Secularism) आया है और मुस्लिम देश में 300 साल पहले ही आए हैं, पूरी तरह से गलत है।