सनातन धर्म में सृष्टि के सभी अवयवों महत्व दिया जाता। जीव, जन्तु ,वनस्पतियों भूमि, अन्न , वायु, आकाश सभी की पूजा की जाती है। सावन माह में पड़ने वाले नाग पंचमी के के पर्व पर नागों की पूजा की जाती है।
Nag Panchami 2022 Date : सनातन धर्म में सृष्टि के सभी अवयवों महत्व दिया जाता। जीव, जन्तु ,वनस्पतियों भूमि, अन्न , वायु, आकाश सभी की पूजा की जाती है। सावन माह में पड़ने वाले नाग पंचमी के के पर्व पर नागों की पूजा की जाती है। पौराणिक मानयता है इस दिन सर्प की पूजा से जीवन में हर प्रकार की बाधाओं का अनत हो जाता और जीवन में सुख समृद्धि का वातावरण बना रहता है। सावन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी का पर्व 2 अगस्त दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार में कुंड़ली बन रहे काल सर्प दोष के निवारण के लिए नाग पंचमी का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित करने के साथ दूध से स्नान कराने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति, लकड़ी की चौकी, जल, पुष्प, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, चीनी का पंचामृत, लड्डू और मालपुए, सूत्र, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, धूप-दीप, ऋतु फल, पान का पत्ता दूध, कुशा, गंध, धान, लावा, गाय का गोबर, घी, खीर और फल आदि पूजन समाग्री में होनी चाहिए। नाग पंचंमी के पर्व पर संास्कृतिक आयोजन और कुश्ती, कूड़ी जैसे खेलों की प्रतिर्स्पाधाएं होती है। इस दिन कमजोर ओर असहाय लोगों की मदद करने का की भी पंरंपरा है।
नाग पंचमी पूजा मंत्र (Nag Panchami Puja Mantra)
मंत्र 1 : ॐ भुजंगेशाय विद्महे,
सर्पराजाय धीमहि,
तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।