सनातन धर्म में जीवन के संकटों और चुनौतियों से निपटने के लिए लोग भगवान की शरण में जाते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ईश्वर की शरण में जाने से जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है।
Narak Chaturdashi : सनातन धर्म में जीवन के संकटों और चुनौतियों से निपटने के लिए लोग भगवान की शरण में जाते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ईश्वर की शरण में जाने से जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, दिवाली त्योहार के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी पड़ती।इस बार 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी पड़ रही है। मान्यता मान्यता है इस दिन उपायों को करने से कई तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली के साथ और भी कई नामों से जाना जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन नाली के किनारे दीपक जलाने की परंपरा है। चतुर्दशी यानी नरक चौदस के दिन लक्ष्मी जी तेल में निवास करती हैं, उस दिन शरीर में तेल लगाने से आर्थिक रूप से संपन्नता आती है। जो लोग आर्थिक तंगी से परेशान हैं, उन्हें इस दिन शरीर पर तेल अवश्य ही लगाना चाहिए, उनके पास पैसा आने लगेगा।
इस दिन जो 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ पूरे परिवार के साथ बैठकर करता है तो उसके परिवार से दुखों का अंत हो जाता है, उसे जीवन में कई प्रकार के बंधन, संकट व तनाव से मुक्ति मिल जाती है।