हिन्दी फिल्मों की मशहूर अदाकारा नरगिस का निधन आज ही के दिन हुआ था। नरगिस ने अपने काम से लाखों दिलों को जीता था और आज भी वह लाखों दिलों में बसी हैं। आप सभी को बता दें कि नरगिस दत्त की मां जद्दनबाई एक तवायफ थी। उनके तीन बच्चे थे और तीनो के ही पिता अलग अलग थे। बात करें नरगिस की तो वह एक हिन्दू पिता की संतान थी और नरगिस के पिता ने ही जद्दन बाई से शादी की थी।
नई दिल्ली: हिन्दी फिल्मों की मशहूर अदाकारा नरगिस का निधन आज ही के दिन हुआ था। नरगिस ने अपने काम से लाखों दिलों को जीता था और आज भी वह लाखों दिलों में बसी हैं। आप सभी को बता दें कि नरगिस दत्त की मां जद्दनबाई एक तवायफ थी। उनके तीन बच्चे थे और तीनो के ही पिता अलग अलग थे। बात करें नरगिस की तो वह एक हिन्दू पिता की संतान थी और नरगिस के पिता ने ही जद्दन बाई से शादी की थी।
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि जद्दन की मां एक ब्राह्मण विधवा थी और जद्दन का गया हुआ गाना ”लागत करेजवा में चोट” आज भी लोग बड़े प्यार से सुनते हैं। बात करें नरगिस की तो वह एक्टिंग नहीं करना चाहती थीं बल्कि डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती थी, हालांकि मां की इच्छा के कारण उन्हें फिल्मों में काम करना पड़ा। नरगिस का असली नाम कनीज फातिमा राशिद था और जद्दनबाई के गीत संगीत और फिल्मों में रूचि के कारण घर में फिल्मकारों का आना जाना लगा रहता था।
नरगिस को उनकी माँ ने सबसे पहले स्क्रीन टेस्ट के लिए फिल्म निर्माता एवं निर्देशक महबूब खान के पास भेजा। महबूब खान ने उन्हें अपनी फिल्म ‘तकदीर’ के लिए चुन लिया। इसके बाद नरगिस ने एक के बाद एक महबूब खान की कई फिल्मों में काम किया। साल 1949 में नरगिस की कई बेहतरीन फ़िल्में बरसात, अंदाज आईं जिन्होंने उन्हें मशहूर कर दिया। उस दौर में नरगिस और राज कपूर के चर्चे होने लगे।
दोनों ने करीब-करीब 55 फिल्मों में साथ काम किया। उसके बाद दोनों एक दूजे के प्यार में डूब गए, हालाँकि दोनों शादी न कर सके। राज कपूर से धोखा खाने के बाद नरगिस के जीवन में सुनील दत्त आए। मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान सुनील दत्त ने नरगिस को आग से बचाया था।
इसी के बाद नरगिस और सुनील दत्त एक दूजे के प्यार में डूबे और दोनों ने शादी कर ली। आपको बता दें कि शादी के बाद नरगिस ने फिल्मों में काम करना कम कर दिया। फिल्म ‘रात और दिन’ में उन्होंने शादी के बाद काम किया और इसी फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। नरगिस को कैंसर हो गया था और उनका निधन 03 मई, 1981 में हो गया।