सूबे में उपभोक्ताओं से अब बिजली कंपनी मीटर लीज शुल्क वसूलेगी। ये शुल्क स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं से उनके लीज किराये के नाम पर लिया जाएगा।
भोपाल। सूबे में उपभोक्ताओं से अब बिजली कंपनी मीटर लीज शुल्क वसूलेगी। ये शुल्क स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं से उनके लीज किराये के नाम पर लिया जाएगा। बताया गया है कि उपभोक्ताओं से करीब साढ़े पांच हजार अरब रूपए की वसूली होगी।
स्मार्ट मीटर का चार्ज लीज शुल्क के नाम पर
इन दिनों बिजली विभाग द्वारा घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इन मीटरों से शुल्क की वसूली की जाएगी। यह शुल्क हर माह बिल के साथ जुडक़र आएगी। स्मार्ट मीटर का चार्ज लीज शुल्क के नाम पर वसूला जाएगा। बिजली कंपनियों ने आयोग से स्मार्ट की प्रारंभिक किश्त और मासिक लीज शुल्क व रखरखाव राशि की मांग की थी। आयोग ने इसकी मंजूरी दे दी है। स्मार्ट मीटर के नाम पर तीनों बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से 544 करोड़ रुपए वसूलेंगी।
बिजली कंपनियों ने आयोग से राशि की मांग की थी
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के नाम पर यह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। बिजली कंपनियों का दावा है कि इससे बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा। इसके लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से राशि की मांग की थी। आयोग ने बिजली कंपनियों को 544.67 करोड़ रुपए वसूलने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 218.35 करोड़ रुपए वसूलेगी। केन्द्र की आरडीएसएस योजना के तहत 41 लाख 35 हजार 791 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसके तहत कंपनी क्षेत्र में ट्रांसफार्मरों (कृषि श्रेणी को छोडक़र) एवं कृषि श्रेणी के अलावा उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट मीटरों से बदले जाने हैं।
रिचार्ज नहीं किया तो तीन दिन बाद बंद हो जाएगी बिजली
मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद भी 3 दिन तक बगैर बिजली सप्लाई रोके रिचार्ज की सुविधा रहेगी। इसके बाद भी रीचार्ज नहीं कराया तो बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी। यानी स्मार्ट मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं को पहले से ही अपने मीटर को चार्ज करना होगा। हालांकि मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं को विद्युत खपत एवं उपयोग में लाए जा रहे विद्युत-भार (लोड) की हर 15 मिनट में जानकारी मोबाइल पर मिल जाएगी।