यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मनीष गुप्ता (Manish Gupta) जैसे बेगुनाहों पर जुल्म ढहाने वाली पुलिस घटना के बाद से फरार पुलिसकर्मियों तक नहीं पहुंच पा रही है। यूपी (UP) में हुई एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं हैं, जिसमें पुलिस पर लगातार रसूखदारों को बचाने का आरोप लगा है। लिहाजा, वारदात के बाद भी घटना में संलिप्त आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाए।
लखनऊ। यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मनीष गुप्ता (Manish Gupta) जैसे बेगुनाहों पर जुल्म ढहाने वाली पुलिस घटना के बाद से फरार पुलिसकर्मियों तक नहीं पहुंच पा रही है। यूपी (UP) में हुई एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं हैं, जिसमें पुलिस पर लगातार रसूखदारों को बचाने का आरोप लगा है। लिहाजा, वारदात के बाद भी घटना में संलिप्त आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाए।
इन सबके बीच अब पुलिस केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की तलाश तेज कर दी है। हालांकि, लखीमपुर हिंसा में उनके खिलाफ संगीन आरोप है। वहीं, अब आशीष भी फरार बताए जा रहे हैं। आईए जानते हैं कि अभी तक कौन-कौन से ऐसे रसूखदार हैं, जिन तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है…
केस नंबर 1 — कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में महोबा जिले के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) पर गंभीर आरोप लगे। मुकदमा दर्ज होने के बाद से मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) फरार हैं। पुलिस अभी तक उनको गिरफ्तार नहीं कर सकी है। करीब घटना के एक वर्ष बाद भी मणिलाल पाटीदार तक पहुंचने में पुलिस असफल रही।
केस नंबर 2 — कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मौत हो गयी। आरोप है कि पुलिस ने जबरन होटल में दाखिल होकर मनीष की पिटाई की, जिसके कारण उनकी जान चली गयी। इस घटना का आरोप इंस्पेक्टर जय नारायण सिंह (Jai Narayan Singh) समेत अन्य पुलिस कर्मियों पर लगे। इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया लेकिन वारदात इस घटना में शामिल आरोपी फरार हैं।
केस नंबर 3 — लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) पर गंभीर आरोप लगे। पुलिस ने आज उन्हें सुबह दस बजे तक जवाब के लिए बुलाया था। लेकिन अभी तक वो पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुए हैं। बताया जा रहा है कि आशीष नेपाल चले गए हैं या फिर किसी करीबी के यहां शरण लिए हुए हैंं।