यूपी के झांसी दौरे पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे हुए है। यहां पर उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की बढ़ी जबरदस्त मांग को पूरा करने के लिए हर जनपद को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके तहत अकेले झांसी मंडल में 15 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं।
झांसी । यूपी के झांसी दौरे पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे हुए है। यहां पर उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की बढ़ी जबरदस्त मांग को पूरा करने के लिए हर जनपद को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके तहत अकेले झांसी मंडल में 15 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं।
झांसी मंडल में कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावी तरीकों से निपटने के लिए किये जा रहे कार्यों का जायजा लेने पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने झांसी के अलावा ललितपुर और जालौन के आलाअधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी में देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अपने जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वॉरियर्स और जनता के सहयोग से मजबूती से लड़ रहा है।
इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं। कोरोना की दूसरी और पहली लहर के बीच काफी अंतर है पहली लहर में ऑक्सीजन की मांग इतनी नहीं थी लेकिन दूसरी लहर में जैसे जैसे संक्रमण बढ़ा वैसे वैसे इसकी जबरदस्त मांग पैदा हुई और एक तरह से जबरदस्त संकट देखने को मिला लेकिन केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी ऑक्सीजन एक्सप्रेस से हमारे राज्य को बहुत मदद मिली।
इस एक्सप्रेस की मदद से देश के दूसरे हिस्सों से जो ऑक्सीजन हमें उपलब्ध हुई वह सभी जिलों में पहुंचायी गयी और मांग को काफी हद तक पूरा करने का प्रयास किया गया। इस बीच केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार तमाम दूसरी संस्थाओं के साथ मिलकर ऑक्सीजन के मामले में हर जिले को ऑक्सीजन के क्षेत्र आत्मनिर्भर बनाने का काम भी साथ ही शुरू किया गया है। अकेले झांसी मंडल में 15 ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जा रहे हैं। जिनमें से छह तो झांसी में ही लगाये जायेंगे।
इस सब के बीच कोरोना की तीसरी लहर के बच्चों के लिए खतरनाक होने की जो आशंका जतायी जा रही है , उसे लेकर भी हमारी तैयारी जोरो से चल रही है। अभी से हर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल मे बच्चों के लिए आईसीयू बनाने का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी इस अभियान को शुरू किया गया है। दूर दराज के इलाकों में लोगों को समस्या न आये इसलिए यह काम एक अभियान के रूप में लिया जा रहा है और इसी कारण बुंदेलखंड प्रवास पर आया हूं।
उन्होंने बुंदेलखंड में झांसी ,ललितपुर और जालौन के अधिकारियों के काम को प्रभावी बताते हुए उनकी पीठ थपथपायी और कहा कि तीनों जिलों की समीक्षा बैठक के साफ हुआ कि टीम ने इन जगहों पर अच्छा काम किया है। पूरी टीम मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ा रहा है। इसी कारण यहां पॉजिटिविटी का रेट काफी कम हुआ है और रिकवरी तेजी से बढ़ी है। यहां रिकवरी रेट बहुत अधिक है और इसी कारण इस मंडल में सक्रिय मरीजों की संख्या में काफी कमी आयी है। इस मंडल में निगरानी समितियों से बहुत प्रभावी काम किया है।
इस बीच प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता भी बढ़ायी गयी है आज हमारे प्रदेश में तीन लाख 17 हजार टेस्ट हुए हैं। यह अब तक का रिकॉर्ड टेस्ट है। प्रदेश में पहला कोविड मरीज मार्च 2020 में आया था तब हमारे यहां कोई टेस्टिंग नहीं होती थी लेकिन आज हम एक दिन में तीन लाख से अधिक टेस्ट कर पाने में सक्षम हो गये हैं। कोविड से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किये गये हैं। हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति के जीवन और जीविका को बचाया जाए । इसके लिए सामान्य जनजीवन को प्रभावित किये बिना कोविड कर्फ्यू लगाया गया है। कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने की नीति को आगे बढ़ाया जा रहा है और इसीलिए कोरोना कर्फ्यू को आगे बढ़ाया गया है। इस दौरान आवश्यक सेवाएं कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चल रहीं हैं।
केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत मई और जून में हर गरीब परिवार को पांच किलो खाद्यान प्रति यूनिट देने की व्यवस्था की गयी तथा प्रदेश सरकार जून ,जुलाई और अगस्त में 15 करोड़ लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण का काम करेगी। पहली जून से वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से आगे बढ़ाने का काम किया जायेगा। अब तक एक करोड 62 लोगों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है।
अब तक 18 से 44 उम्र के 10 लाख से अधिक युवाओं को वैक्सीन लगायी जा चुकी है। पहली जून से सभी 75 जिलों में वैक्सीनेशन का काम शुरू किया जायेगा। जन प्रतिनिधियों को इस काम में तत्परता से लगने, हर जिले में न्यायिक अधिकारियों और मीडिया के लिए अलग से वैक्सीनेशन बूथ बनाने, हर युवा को इसके लिए प्रेरित करने के लिए जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है। गांव गांव में भी लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने और कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से हर ग्राम पंचायत में यह काम तेजी से आगे बढ़ सके ,इस दिशा में भी प्रयास प्रारंभ किये जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से इस सदी की सबसे बड़ी महामारी का मुकाबला करने और आपेक्षित परिणाम लाने में सफल होंगे। केंद्र और प्रदेश सरकार इस महामारी का मुकाबला करने के लिए पूरी ताकत और पूरे संसाधन लगा रही है।
उन्होंने जन जागरण में मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए इस वर्ग से अपील की कि वह यह जानकारी जन जन तक पहुंचाये कि महामारी काल में हाई रिस्क वाले लोग गर्भवर्ती महिलाएं, बुजुर्ग और 10 साल से कम उम्र के लोग घर से बाहर नहीं निकले। युवा वर्ग के लोग भी बेहद जरूरी होने पर ही बाहर जाएं और जब बाहर निकले तो मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें।
इसके बाद वह बड़ागांव ब्लॉक के गांधीनगर प्राथमिक विद्यालय और गढ़मऊ के आरोग्य सेंटर में जमीनी हकीकत देखने पहुंचे। वहां उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और निगरानी समिति के सदस्यों से कोरोना की स्थिति के बारे में सवाल किये। कोरोना मरीज को दवा देने के बाद उसका फॉलोअप कैसे लिया जाता है और रिपोर्ट किस अधिकारी को दी जाती है। सवालों के जवाबों से मुख्यमंत्री संतुष्ट नजर आये और गांव में किये गये कार्यों पर प्रसन्नता जताते हुए सभी को बधाई दी । उन्होंने कोरेाना के खिलाफ लड़ाई में आपस में इस बात की होड़ लगाने को कहा कि कौन सा गांव पहले कोरोना मुक्त होगा, साथ ही बाहर से आने वालों के अनिवार्य टेस्ट कराये जाने, समय समय पर गांव में सेनेटाइजेशन और संक्रमितों से लगातार दवाओं और उनकी स्थिति के बारे में अपडेट रहने के निर्देश दिये।