कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब बैन (Hijab ban in Karnataka) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दोनों जजों की राय बंटी हुई थी, जिसके बाद इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले के साथ ही कर्नाटक के स्कूलों में फिलहाल हिजाब पर बैन (Hijab Ban)रहेगा। इसको लेकर अब नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
नई दिल्ली। कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब बैन (Hijab ban in Karnataka) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दोनों जजों की राय बंटी हुई थी, जिसके बाद इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले के साथ ही कर्नाटक के स्कूलों में फिलहाल हिजाब पर बैन (Hijab Ban)रहेगा। इसको लेकर अब नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
हिजाब बैन पर सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क बोले-‘लड़कियां बेपर्दा घूमेंगी तो बढ़ेगी आवारगी’। pic.twitter.com/JymIs4Gi1X
— santosh singh (@SantoshGaharwar) October 13, 2022
यूपी के संभल से सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क (SP MP Shafiqur Rahman Burke) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर कहा कि अगर हिजाब हटाया जाएगा तो लड़कियां बेपर्दा होकर घूमेंगी और आवारगी बढ़ने से हालात बिगड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सारा माहौल बीजेपी (BJP) का बिगाड़ा हुआ है। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन (Hijab Ban) के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आज आया है। हालांकि बेंच में शामिल दोनों जजों की राय अलग अलग थी। जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता (Justice Hemant Gupta) ने हिजाब बैन (Hijab Ban) को सही ठहराया तो वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) ने कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया।
जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) ने कहा कि हिजाब पहनना पसंद का मामला है। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा बहुत अहम है और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के आदेश को खारिज करते हुए सभी अपीलों को अनुमति दी जाए। ऐसे में अब इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा गया है।
22 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का ये फैसला उन याचिकाओं पर आया जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें HC ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) की बेंच ने 10 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।