देश में टमाटर के आसमान छूते दामों ने पहले से ही रसोई का जायका बिगाड़ रखा है, वहीं अब प्याज के दामों में जबर्दस्त उछाल की आशंका जतायी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले महीने तक कई शहरों में प्याज के दामों में बढ़ोत्तरी (Onion Price Hike) देखी जा सकती है। जिसके बाद आम नागारिकों की जेब पर काफी असर पड़ेगा।
Onion Price Hike : देश में टमाटर के आसमान छूते दामों ने पहले से ही रसोई का जायका बिगाड़ रखा है, वहीं अब प्याज के दामों में जबर्दस्त उछाल की आशंका जतायी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले महीने तक कई शहरों में प्याज के दामों में बढ़ोत्तरी (Onion Price Hike) देखी जा सकती है। जिसके बाद आम नागारिकों की जेब पर काफी असर पड़ेगा।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्याज के दाम में इतना इजाफा के बाद भी ये बढ़ी हुई कीमतें 2020 के उच्चतम स्तर से नीचे रहने वाली हैं। अगस्त के अंत में खुदरा बाजार में प्याज की कीमत (Onion Price) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो सकती है। ये बढ़ोतरी आपूर्ति में कमी के कारण अगले महीने करीब 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ने की संभावना है। वहीं, वर्तमान समय में प्याज खुदरा रेट में 28 रुपये से लेकर 32 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि रबी प्याज की शेल्फ लाइफ 1-2 महीने कम होने और इस साल फरवरी-मार्च में बिकवाली के कारण ओपन मार्केट (Open market) में रबी स्टॉक सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक काफी घटने की उम्मीद है, जिससे प्याज का स्टॉक (Onion Stock) बढ़ जाएगा। 15-20 दिनों तक मंदी का मौसम (Lean Season) रहेगा, जिससे बाजार में आपूर्ति में कमी और कीमतों में उछाल की संभावना है। अक्टूबर में फिर से प्याज की नई फसल आने पर कीमतों में कमी आ सकती है।
प्याज के स्टॉक में कमी और दाम बढ़ने की वजह बुआई में कमी को माना जा रहा है। दरअसल, प्याज की कीमत (Onion Price) कम होने के कारण किसानों को कम फायदा हुआ। जिसकी वजह से इस बार किसानों ने कम प्याज की खेती की है। इस साल रकबा 8 फीसदी घटेगा और प्याज का खरीफ उत्पादन (Kharif Production of Onion) साल-दर-साल 5 फीसदी गिरेगा।
प्याज का सालाना उत्पादन (Annual Production) 29 मिलियन टन (एमएमटी) होने की उम्मीद है, जो कि पिछले साल की तुलना में 7 फीसदी अधिक रहने वाला है। जिसकी वजह से कम खरीफ और रबी उत्पादन के बावजूद इस साल आपूर्ति में बड़ी कमी (Major shortage in supply) की संभावना नहीं है।