जी-7 समूह की बैठक में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र एवं वैचारिक स्वतंत्रता पर जोर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसको लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष किया है। कहा कि मोदी सरकार जो उपदेश पूरी दुनिया को देती है, तो उस पर उसे पहले खुद अमल करना चाहिए।
नयी दिल्ली। जी-7 समूह की बैठक में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र एवं वैचारिक स्वतंत्रता पर जोर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसको लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष किया है। कहा कि मोदी सरकार जो उपदेश पूरी दुनिया को देती है, तो उस पर उसे पहले खुद अमल करना चाहिए।
चिदंरबम ने ट्वीट किया कि ‘जी-7 आउटरीच बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण प्रेरक होने के साथ-साथ अजीबो-गरीब भी था। मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अमल में लाना चाहिए। ’
क्योंकि जहां तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का सवाल है, भारत सबसे अलग है। हम सबसे अधिक संक्रमित और सबसे कम टीकाकरण वाले देश हैं (जनसंख्या के अनुपात में)।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 14, 2021
उन्होंने दावा किया कि यह दुख की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी एकमात्र ऐसे अतिथि थे, जो आउटरीच बैठक में सीधे तौर पर मौजूद नहीं थे। अपने आप से पूछिए, क्यों ? क्योंकि जहां तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का सवाल है, तो भारत की स्थिति सबसे अलग है। हम जनसंख्या के अनुपात में सबसे अधिक संक्रमित और सबसे कम टीकाकरण वाले देश हैं।
सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती से उत्पन्न विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 का एक स्वाभाविक साझेदार है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘मुक्त समाज एवं मुक्त अर्थव्यवस्थाएं’ सत्र में मोदी ने अपने संबोधन में लोकतंत्र, वैचारिक स्वतंत्रता और स्वाधीनता के प्रति भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस सत्र को संबोधित किया।